Karanveer Mehra Dyslexia Disease: इंडियन टेलिविजन के सबसे कॉन्ट्रोवर्शियल रियलिटी शो बिगबॉस 18 के विनर करणवीर मेहरा बन चुके हैं। इन्होंने हाल ही में एक इंटरव्यू में अपने पुराने स्ट्रगलिंग डेज, करियर और पढ़ाई के दिनों के बारे में कुछ बातें रिवील की हैं, जिसमें उन्होंने बताया कि वे Dyslexia नामक एक बीमारी से पीड़ित हैं। यह बीमारी एक मानसिक बीमारी है, जो बच्चों में अधिकांश पाई जाती है। आइए जानते हैं इस मेंटल डिजीज के बारे में सब कुछ।
क्या है डिस्लेक्सिया
डिस्लेक्सिया एक न्यूरोलॉजिकल और मेंटल ग्रोथ से रिलेटेड स्थिति है, जो मरीज को शब्दों को पहचानने, पढ़ने, लिखने और समझने में समस्या पैदा करती है। यह एक कॉमन प्रॉब्लम है, जो पढ़ाई से जुड़ी होती है। मगर इसका मतलब यह नहीं है कि इंसान की मानसिक स्थिति कमजोर है या फिर उसमें किसी प्रकार की कोई समस्या है। डिस्लेक्सिया से प्रभावित लोगों को पढ़ाई करने के लिए सामान्य लोगों से अधिक मेहनत करनी पड़ती है, ताकि वे कक्षा में पास हो सकें। मगर कई बार बच्चे फिर भी फेल हो जाते हैं। यह एक जन्मजात बीमारी है।
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डिस्लेक्सिया के कारण
हालांकि, डिस्लेक्सिया का कोई ठोस कारण नहीं होता, लेकिन यह आमतौर पर ब्रेन की डेवेलेपमेंट और कार्यप्रणाली में असमानताओं के कारण होता है। यह जेनेटिक्स से भी हो सकता है और परिवारों में कई पीढ़ियों को प्रभावित कर सकता है। इसमें ब्रेन के कुछ हिस्से, जो पढ़ने और भाषा के कौशल को सीखने में मदद करते हैं, शामिल होते हैं।इसे आमतौर पर जन्म से संबंधित एक न्यूरोलॉजिकल डिजीज के रूप में ही देखा जाता है।
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डिस्लेक्सिया के शुरुआती संकेत
1. पढ़ने में कठिनाई- दरअसल, इसमें बच्चे को शब्दों को पहचानने में कठिनाई, पढ़ते समय शब्दों को उलटने या उलझाने की समस्या होती है। जैसे b को d समझना और d को b समझना।
2. लिखने में समस्या- लिखते समय गलतियां करना, सही शब्दों का उपयोग न कर पाना और शब्दों को जोड़ने में कठिनाई महसूस करना।
3. स्पेलिंग मिस्टेक्स- बच्चे को स्पेलिंग सही तरीके से याद रखने या लिखने में दिक्कत होना।
4. फोकस की कमी- पढ़ते समय या लिखते समय पढ़ी हुई चीजों को ध्यान बनाए रखने में और लिखने में समस्या होना।
5. भाषा में परेशानी- कई बार बच्चे को एक भाषा से परिचित होने के बाद दूसरी भाषा को समझने में परेशानी होती है। जैसे कि अगर किसी ने हिंदी में बचपन से बातचीत की हो, तो स्कूल में उसे अंग्रेजी सीखने में दिक्कत आती है। कई बार बच्चे को नंबर याद रखने में भी दिक्कत होती है।
Dyslexia से बचाव कैसे करें?
डिस्लेक्सिया एक मानसिक बीमारी है, जिसका पता लगने में समय लगता है। इस बीमारी का इलाज कठिन हो सकता है क्योंकि इसके संकेत समय पर नहीं समझ आते हैं। इससे बचाव के लिए आपको इसके लक्षणों को समय पर समझने की जरूरत होती है। बचाव के लिए बच्चों की शुरुआती शिक्षा चित्रों और रंगों की मदद से होनी चाहिए और उनके दिमाग पर प्रेशर न पड़े, इसलिए धीमी गति से उन्हें कुछ भी सिखाना चाहिए। स्कूल में भी बच्चों के लिए ऐसा वातावरण बनाने की जरूरत होती है, जहां वे बिना मेंटल प्रेशर के पढ़ाई कर सकें।
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Disclaimer: ऊपर दी गई जानकारी पर अमल करने से पहले विशेषज्ञों से राय अवश्य लें। News24 की ओर से जानकारी का दावा नहीं किया जा रहा है।