Pollution Impact on Pregnancy: माता-पिता बनने का सपना हर शादीशुदा जोड़ा देखता है। जो लोग नेचुरल तरीकों से पेरेंट्स नहीं बन पाते, वे IVF का सहारा लेते हैं। आईवीएफ कपल्स के लिए एक नई उम्मीद लेकर आई है, जो माता-पिता बनने में मदद करती है। यह एक साइंटिफिक तरीका है, जिसकी मदद से पति-पत्नी माता-पिता बन सकते हैं। हालांकि, IVF काफी सालों पहले ही आ गया था, इसकी मदद से आम लोग और सेलिब्रिटी भी पेरेंट्स बनते हैं। एक नई स्टडी में इस बात का खुलासा हुआ है कि जो लोग प्रेग्नेंसी प्लान कर रहे हैं, खासतौर पर IVF की मदद से, उन्हें प्रदूषण से दूरी बनाना जरूरी है। आइए जानते हैं क्यों।
क्या कहती है स्टडी?
अमेरिका के एमोरी विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने इस रिसर्च को किया है, जिसमें उन्होंने पाया कि बाहरी वायु प्रदूषण के संपर्क में आने से मानव भ्रूण का विकास प्रभावित होता है। रिसर्च के अनुसार, जब महिला के अंडाशय का उत्पादन होता है या पुरुष शुक्राणुओं यानी स्पर्म का उत्पादन करते हैं, यदि उस समय वे अधिक पॉल्यूशन के संपर्क में रहते हैं, तो इन पर नेगेटिव इंपैक्ट पड़ता है। इसके बाद भ्रूण का विकास सही ढंग से नहीं हो पाता है। प्रदूषण में कार्बन पार्टिकल्स होते हैं, जो दिखाई नहीं देते हैं, मगर हवा के रास्ते शरीर के अंदर प्रवेश करते हैं। प्रदूषण के हानिकारक कण रिप्रोडक्टिव हेल्थ पर असर डालते हैं।
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कैसे पता चला?
रिसर्च टीम ने अपनी जांच में 915 लोगों को शामिल किया था। इनके टेस्टिंग नमूनों पर जांच करके पाया गया कि जो लोग वायु प्रदूषण के संपर्क में थे, उनके स्पर्म की क्वालिटी बाकी लोगों की तुलना में खराब थी। ये सभी पुरुष IVF से पिता बनना चाहते थे।
बरतें सावधानी
रिसर्च टीम में मौजूद एक्सपर्ट्स ने बताया कि जो लोग प्रेग्नेंसी प्लान कर रहे हैं, उन्हें भी IVF की मदद से पहले अपने इलाके और वहां प्रदूषण के स्तर की जांच करनी चाहिए। साफ और शुद्ध वातावरण में रहने की कोशिश करनी चाहिए।
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Disclaimer: ऊपर दी गई जानकारी पर अमल करने से पहले विशेषज्ञों से राय अवश्य लें। News24 की ओर से जानकारी का दावा नहीं किया जा रहा है।