Imran Khan: भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव के बीच वहां से एक और खबर सामने आई थी, जो पूर्व पाक पीएम इमरान खान से जुड़ी थी। बीते दो सालों से जेल की सलाखों में कैद इमरान खान के साथ अमानवीय घटना हुई है। खबरों की मानें तो अदियाला जेल में बंद इमरान का कुछ लोगों ने रेप किया है। ऐसे में पाकिस्तानी अधिकारियों पर भी सवाल खड़ा होता है कि जेल में बंद एक कैदी के साथ इस प्रकार की घटना कैसे हुई। शहबाज सरकार पर इमरान के दोनों बेटे आरोप लगा रहे हैं कि उनके प्रशासन में जेल में बंद कैदी और पाकिस्तान के पीएम रहने वाले शख्स के साथ ऐसा होना इंसानियत पर सवाल खड़े कर रहा है।
अब उनके दोनों बेटे सुलेमान और कासिम ने अंतर्राष्ट्रीय समुदाय से गुहार लगाई है कि उन्हें उनके बेटों से फोन पर बात और निजी डॉक्टर से मिलने की इजाजत दी जाए। इस पर एक सवाल और खड़ा होता है कि आखिर इमरान के बेटे निजी डॉक्टरों से मिलने के लिए क्यों इतनी गुहार लगा रहे हैं? कहीं इमरान किसी गंभीर बीमारी से तो नहीं है पीड़ित?
किस बीमारी से पीड़ित इमरान खान?
कुछ मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो पाकिस्तान के पूर्व पीएम और क्रिकेटर इमरान खान को कोकीन की लत है। पाकिस्तान के पूर्व हेल्थ मिनिस्टर, अब्दुल कादिर पटेल भी दावा कर चुके हैं कि उन्हें कोकीन की लत है, जिस वजह से उनकी मेंटल हेल्थ भी सही नहीं रहती है। साल 2023 में उनकी कुछ मेडिकल रिपोर्ट्स में पाया गया था कि खून की जांच होने पर उसमें कोकिन और एल्कोहल के कण थे।
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टिनिटस बीमारी से भी पीड़ित इमरान!
एक अन्य रिपोर्ट के मुताबिक, इमरान खान को टिनिटस नामक बीमारी भी है। इसे कान बजने वाली बीमारी भी कहते हैं। इस स्थिति में इंसान के कान में कुछ बजने, किसी आवाज के गुंजने, फफकारने और शोर की आवाजें महसूस होती हैं। जबकि असल में ऐसा कुछ भी नहीं होता है। यह 1 कान या दोनों कानों में हो सकता है।
Tinitus के कारण क्या?
- कान में इंफेक्शन होने से।
- सुनने की क्षमता कम होने से।
- सिर पर चोट लगने से।
- दांतों में किसी तरह की समस्या होने से।
- नसों में कोई समस्या होने से।
ये कुछ आम कारण है इस बीमारी के पीछे। अगर इलाज की बात की जाए, तो लक्षणों की पहचान के बाद सिर्फ डॉक्टर सही इलाज और दवा दे सकते हैं। कुछ अन्य उपचार जैसे कि थेरेपी और सर्जरी भी करवाई जा सकती है।
जेल से इमरान खान को राहत
इस्लामाबाद की विशेष अदालत में आदेश दिया गया है कि उनके बेटों द्वारा विदेश में फोन पर बात करने और निजी डॉक्टर से जांच करवाने की सुविधा इंसानी हक और कानून के मुताबिक दी जाती हैं। उनकी यह अपील नजरअंदाज नहीं की जा सकती है। याचिका के तहत 1 बेटे के बातचीत की अनुमति और इलाज की मंजूरी दे दी गई है। साथ ही जस्टिस शाहरुख अरजमंद ने जेल प्रशासन की निंदा करते हुए जवाब भी मांगा कि अब तक उन्हें इन सुविधाओं से वंचित क्यों रखा गया है।
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