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जन्म के कितने दिन बाद बच्चे को नहलाना चाहिए? डॉक्टर ने बताया सर्दियों में नवजात शिशु की कैसे करें देखभाल

Bathing Baby After Birth: बच्चे के जन्म के बाद अक्सर लोग इस बात को लेकर उलझन में रहते हैं कि बच्चे को कब नहलाना चाहिए. ऐसे में बच्चों के डॉक्टर बता रहे हैं कि जन्म के बाद पहली बार बच्चे को कब नहलाना सही है.

Author Written By: Seema Thakur Author Published By : Seema Thakur Updated: Nov 21, 2025 12:45
Baby Bath After Birth
डिलीवरी के बाद बच्चे को पहली बार कब नहलाना चाहिए, जानिए यहां. Image Credit - Pexels

Winter Tips For Newborns: बच्चा जन्म लेता है तो माता-पिता को उसकी सही देखरेख पर ध्यान देना जरूरी होता है. बहुत से लोगों को पता नहीं होता कि जन्म के बाद बच्चे को कब नहलाएं या किस तरह सर्दियों में उसकी देखभाल करें जिससे बच्चे के बीमार होने की संभावना रहती है. ऐसे में पीडियाट्रिशियन (Pediatrician) ने सभी की इस उलझन को दूर कर दिया है. इंस्टाग्राम हैंडल पर पोस्ट हुए एक वीडियो में बच्चों के डॉक्टर इमरान एस पटेल ने बताया है कि जन्म के कितने दिन बाद बच्चे को पानी से नहलाना चाहिए. साथ ही, डॉक्टर ने सर्दियों में बच्चे की देखरेख के टिप्स भी शेयर किए हैं.

बच्चे को जन्म के कितने दिन बाद नहलाएं

पीडियाट्रिशियन डॉ. इमरान एस पटेल ने बताया कि डिलीवरी (Delivery) के बाद सर्दियों में खासतौर से बच्चे की सही देखभाल करना जरूरी होता है. डॉक्टर ने बताया कि कई बार देखा जाता है कि पैदा होते ही बच्चे को नहलाना शुरू कर दिया जाता है, लेकिन ऐसा बिल्कुल नहीं करना चाहिए. जन्म के तुरंत बाद भी बहुत से लोग सबसे पहले बच्चे को नहलाने लगते हैं. ऐसा नहीं करना चाहिए बल्कि जन्म के बाद बच्चे को सबसे पहले उसकी मां को देना चाहिए. इसके बाद बच्चे को नहलाना नहीं है बल्कि स्पंज करना है यानी गीले स्पंज से उसके शरीर को पोंछना है.

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बच्चे के जन्म के बाद पहले 10 दिन उसके शरीर को स्पंज से ही साफ करना है. स्पंजिंग आपको हल्के गर्म या गुनगुने पानी से करनी है. 11 दिन के बाद से आप बच्चे को पानी से नहला सकते हैं. इस समय तक बच्चे की एंबेलिकल कोर्ड यानी नाल निकल जाती है.

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सर्दियों में इस तरह करें नवजात शिशु की देखभाल

जिन बच्चों का वजन ढाई किलो से कम होता है या 2 किलो से कम होता है उनके साथ दिक्कत आती है क्योंकि इनमें फैट कम रहता है यानी चर्बी कम रहती है तो इनका थर्मोरेग्यूलेशन यानी जो टेम्परेचर मेंटेन करने की कैपेसिटी होती है वो कम रहती है. इन बच्चों को हाइपोथर्मिया की दिक्कत होती है. ऐसे में इन बच्चों का खासकर सही तरह से ध्यान रखना जरूरी होता है.

रात के समय तामपान कम होता है ऐसे में कमरे के तापमान को ज्यादा रखें. ऐसा आप कमरे में हीटर लगाकर या कोई और गर्म करने वाले उपकरण लगाकर कर सकते हैं.

इस बात का खास ध्यान रखें कि आपको बच्चे को बहुत मोटा कपड़ा नहीं पहनाना है बल्कि उसे लेयरिंग में कपड़े पहनाने हैं. लेयर्स में बच्चे को 2 से 3 कपड़े पहनाएं. बच्चे को पैरों में जुराब, हाथ में ग्लव्स और सिर पर टोपी पहनाकर रखें.

अगर बच्चे का वजन कम है तो जरूर करें ये काम

डॉक्टर की सलाह है कि अगर आपके बच्चे का वजन कम है तो कंगारू मदर केयर करें यानी स्किन टू स्किन कोंटेक्ट (Skin To Skin Contact) रखें. मां अपनी छाती से बच्चे को लगाकर रख सकती हैं. जिस तरह से कंगारू अपने बच्चे को रखता है उसी तरह से बच्चे को रखने की कोशिश करें. इससे बच्चे के शरीर का तापमान मेंटेन रहता है.

इन चीजों का ध्यान रखकर सर्दियों में बच्चे का ध्यान रखा जा सकता है. बच्चे को मां का दूध पिलाएं और स्किन टू स्किन कोंटेक्ट बनाकर रखें.

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अस्वीकरण – इस खबर को सामान्य जानकारी के तौर पर लिखा गया है. अधिक जानकारी के लिए विशेषज्ञ की सलाह लें या चिकित्सक से परामर्श करें. न्यूज24 किसी तरह का दावा नहीं करता है.

First published on: Nov 21, 2025 12:42 PM

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