HMPV In Kids: इस समय पूरी दुनिया के सामने HMPV वायरस नामक एक नई समस्या खड़ी हो गई है। लोगों में इस बात का डर है कि कहीं, यह वायरस भी कोरोना की तरह न फैल जाए। इसके अलावा, कोरोना वायरस भी चीन से निकला था, जिसने लाखों लोगों की जान ले ली थी। यह वायरल संक्रमण भी चीन में काफी सक्रिय है। हालांकि, यह वायरस कोई नया वायरस नहीं है। इससे पहले साल 2001 में भी इस वायरस के मामलों में तेजी देखी गई थी। चीन में इसके मामले अधिकांश छोटे बच्चों में पाए जा रहे हैं, जो 14 वर्ष से कम आयु के हैं। वहीं, कुछ हेल्थ रिपोर्ट्स में भी इससे संक्रमित कम आयु के बच्चों को ही बताया गया है। भारत में भी जो मामले मिले हैं, वो कम उम्र के बच्चों के ही हैं। आइए जानते हैं भारत के शिशुओं में पाए गए लक्षण और चीन के मरीजों के लक्षण कैसे अलग हैं।
भारत में अबतक 6 मामले
1. सोमवार की सुबह बेंगलुरु में 2 मामले- यहां एक 8 महीने की बच्ची और 3 महीने की बच्ची शामिल थी। इनमें दोनों बच्चियों को ब्रोन्कोन्यूमोनिया, जो निमोनिया का एक और प्रकार है, संक्रमित पाया गया। इसमें फेफड़ों में सूजन और संक्रमण होता है। इसके लक्षणों में खांसी, सांस लेने में दिक्कत और बुखार शामिल हैं।
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2. गुजरात में तीसरा मामला- यहां का बच्चा भी दिन में सोमवार को HMPV पॉजिटिव पाया गया है। यहां का बच्चा पिछले 2 महीनों से बीमार था, उसे 15 दिन पहले ही अस्पताल में भर्ती करवाया गया था। इस बच्चे को सर्दी के साथ बुखार भी था। साथ ही, शुरुआती 5 दिनों में यह बच्चा वेंटिलेटर पर भी था। जांच के बाद उसे HMPV पॉजिटिव पाया गया।
3. पश्चिम बंगाल का मामला- यहां भी बच्चे को बुखार था और निजी अस्पताल में भर्ती था, जिसके बाद जांच में उसके अंदर भी इस बीमारी के लक्षणों की पुष्टि की गई है।
4. तमिलनाडु में भी 2 मामले- हालांकि, इन बच्चों के लक्षणों के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं मिली हुई है लेकिन इनमें भी इन्फेक्शन, बुखार और कॉमन फ्लू जैसे संकेत दिखाई दिए हैं।
क्या कहते हैं ये लक्षण?
अगर हम बात करें बच्चों में पाए गए लक्षणों की, तो सभी मरीजों में संकेत काफी सामान्य हैं, कोरोना से मेल खाते हैं और कॉमन फ्लू जैसे ही हैं। ये संकेत बुखार, खांसी-जुकाम और फेफड़ों का संक्रमण शामिल हैं।
चीन के मरीजों में कैसे हैं लक्षण?
हालांकि, इस बारे में ज्यादा जानकारी नहीं मिली है लेकिन कुछ मीडिया रिपोर्ट्स की मानें, तो वहां भी सांस संबंधी बीमारियों और निमोनिया के मामलों में वृद्धि देखी गई थी। यहां के मरीज तीन से 6 दिनों तक बीमार रहते हैं। साथ ही, खांसना और छींकना भी इसमें शामिल हैं।
ऐसे रखें बच्चों को सेफ
1. अपने बच्चों को, खासतौर पर 5 साल से कम उम्र वालों को घर से बाहर कम से कम निकलने दें।
2. यदि बच्चे स्कूल जाते हैं, तो उन्हें मास्क और सेनिटाइजर के साथ भेजे तथा इस्तेमाल का सही तरीका भी बताए।
3. उनके खान-पान का ध्यान रखें, ताकि इम्यूनिटी सही रहे।
4. सर्दी-जुकाम होने से बचाएं।
5. प्रतिदिन स्नान करवाएं।
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Disclaimer: ऊपर दी गई जानकारी पर अमल करने से पहले विशेषज्ञों से राय अवश्य लें। News24 की ओर से जानकारी का दावा नहीं किया जा रहा है।