World Kidney Day 2025: किडनी फेल होने से पहले ही शरीर कुछ संकेत देने लगता है। इसमें पेट दर्द, हाथों-पैरों में सूजन, बार-बार पेशाब आना और वजन कम होना जैसे लक्षण शामिल हैं। ये सभी संकेत आसानी से समझने वाले होते हैं, लेकिन कई बार स्थिति ऐसी हो जाती है कि किडनी अंदर ही अंदर खराब होती रहती है, जिसका हमें बिल्कुल पता नहीं चलता है। कई हेल्थ एक्सपर्ट और डॉक्टर बताते हैं कि हाई ब्लड प्रेशर (High BP) से भी किडनी डैमेज हो सकती है। हर साल 13 मार्च को वर्ल्ड किडनी डे (World Kidney Day) मनाया जाता है। इस दिवस को किडनी की बीमारियों के प्रति जागरूकता, बीमारियों की वजह, कारण और रोकथाम के उपायों के बारे में भी जागरूक करने के लिए मनाया जाता है। आइए इस उपलक्ष्य पर जानते हैं किडनी एक्सपर्ट से इन दोनों समस्याओं के बीच के संबंध के बारे में।
क्या कहते हैं एक्सपर्ट?
किडनी एक्सपर्ट डॉक्टर श्याम बंसल बताते हैं कि किडनी में खराबी होने के पीछे कई कारण शामिल हो सकते हैं, लेकिन बीपी एक रेयर कंडीशन है, जो सभी के साथ नहीं होता है। उनके पास एक 25 वर्षीय पुरुष पहुंचा था, जिसकी किडनी फेल हो गई थी। दरअसल, इन दोनों का आपस में एक संबंध है, जिसे समझना जरूरी है और ये दोनों समस्याएं ही बहुत कॉमन हैं। मगर इसके कारण एक-दूसरे से काफी अलग भी हो सकते हैं।
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क्या है कारण?
डॉक्टर कहते हैं कि बीपी की समस्या 40 से 50 साल की आयु के लोगों को प्रभावित करती है। इस उम्र के लोगों में बीपी की वजह से किडनी डिजीज हो सकता है, लेकिन सभी को ऐसा नहीं होता है। आंकड़ों के मुताबिक 10 में से 2 के साथ यह स्थिति पैदा होती है। मगर जो युवा होते हैं, उन्हें बीपी से किडनी डिजीज नहीं, बल्कि किडनी डिजीज होने से हाई बीपी की समस्या होती है। इस वजह से ही किडनी डिजीज का एक संकेत मुख्यत: युवाओं में हाई बीपी (High BP) भी होता है।
कैसे लगेगा पता?
डॉक्टर बताते हैं किअक्सर जो किडनी डिजीज से होने वाली BP की समस्या होती है, उसमें बीपी बहुत ज्यादा होता है। इस स्थिति को मैनेज करने के लिए कई बार सिंगल मेडिकेशन भी काम नहीं आती है। जब आगे का इलाज करवाया जाता है, तो उसमें पता लगता है कि किडनी की कार्यक्षमता बिगड़ी हुई है और इस कारण ही हाई बीपी हो रहा है। यूरिन से प्रोटीन लीक होना भी किडनी के रोग और बीपी के संबंध को दर्शाता है। अगर इस संकेत को जल्दी न समझा जाए, तो किडनी धीरे-धीरे बिल्कुल क्षतिग्रस्त हो जाती है और फिर इलाज और निदान मुश्किल हो जाता है।
क्या करें?
बीपी हाई होने पर किडनी डिजीज हो सकते हैं। इसमें आपको तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए और KFT टेस्ट भी करवाना चाहिए।
High BP को मैनेज कैसे करें?
अगर बीपी की समस्या है और दवा खाते हैं, तो दवा से परहेज न करें। इन दवाओं को बिना डॉक्टरी सलाह के न लें। बीपी को 130/80 के बीच रहना चाहिए। लाइफस्टाइल बदलें, सही खान-पान रखें। रूटीन में फिजिकल एक्टिविटी को भी जरूर शामिल करें।
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Disclaimer: ऊपर दी गई जानकारी पर अमल करने से पहले विशेषज्ञों से राय अवश्य लें। News24 की ओर से जानकारी का दावा नहीं किया जा रहा है।