Hiccups Can be a Symptoms of Stroke: दिमाग की नस बंद होने से या फटने पर स्ट्रोक आता है। इसका कारण कुछ समय के लिए या हमेशा के लिए पैरालाइसिस हो सकता है। यह बीमारी इतनी जानलेवा है कि कुछ ही देर में रोगी की जान भी चली जाती है। लेकिन क्या आपको पता है महिलाओं में स्ट्रोक के संकेत पुरुषों की तुलना में अलग हो सकते हैं। महिलाओं में स्ट्रोक के लक्षण पुरुषों से कुछ अलग हो सकते हैं, जो कि रेगुलर संकेतों से अलग दिखते हैं। इसकी वजह से महिलाओं को अचानक कमजोरी का सामना करना पड़ सकता है, जिसकी थकावट या नींद की कमी से कोई रिलेशन नहीं होता है। यह लक्षण पुरुषों की तुलना में महिलाओं में ज्यादा पाया जाता है।
स्ट्रोक पड़ने पर दिखते हैं ऐसे संकेत
- शरीर के एक तरफ, फेस, पैर में सुन्न पड़ना
- बात करने में परेशानी
- आंखों से देखने में परेशानी
- चलने में दिक्कत होना
- बेचैनी महसूस होना
- बिना किसी कारण के सिरदर्द होना
महिलाओं में होने वाली दिक्कतें
- हिचकी
- जी मिचलाना
- सीने में बेचैनी
- थकान होना
- सांस लेने में परेशानी
- धड़कन का तेज होना
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आमतौर पर, पुरुषों की तुलना में महिलाओं में कमजोरी महसूस करना ज्यादा देखा जाता है।
महिलाओं में स्ट्रोक का खतरा
महिलाओं और पुरुषों में अलग-अलग अनुभव के पीछे हॉर्मोन की वजह हो सकती है। महिलाओं का एस्ट्रोजन हॉर्मोन स्ट्रोक के खिलाफ सुरक्षा देने वाला देखा गया है। ऐसा एस्ट्रोजन के एंटी इंफ्लामेटरी गुण होने का कारण हो सकता है, जो ब्रेन डैमेज से बचाता है। इसके साथ ही यह हॉर्मोन इंटरनल कैरोटिड आर्टरी में ब्लड फ्लो बढ़ाता है, जिससे दिमाग को ऑक्सीजन से भरपूर खून मिलता है।
स्ट्रोक क्यों आता है?
स्मोकिंग करने वालों को स्ट्रोक का खतरा ज्यादा होता है। स्मोकिंग से ब्लड प्रेशर, डायबिटीज और कोलेस्ट्रॉल गंभीर होते हैं, जो इसका खतरा बढ़ाते हैं। वहीं, महिलाओं में इनके अलावा, प्रेगनेंसी, प्रीक्लेम्पसिया (Pre-eclampsia), कॉन्ट्रासेप्टिव पिल्स (Contraceptive Pills), माइग्रेन, असामान्य हार्टबीट का खतरा बढ़ा देते हैं।
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