Organ Donation May Save People Life: अंगदान ‘महादान’ है, जिसे करके एक इंसान अपनी मौत के बाद भी कई लोगों को नई जिंदगी दे सकता है। देश में कई हस्तियां अंगदान का संकल्प ले चुकी हैं। हाल ही में गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने अंगदान करने का संकल्प लिया। उन्होंने ऑनलाइन एप्लिकेशन फाइल की है, जिसके बाद उन्हें सर्टिफिकेट भी मिला। मुख्यमंत्री ने अपनी किडनी, लीवर और कॉर्निया दान करने का संकल्प लिया है।
अगर आप भी अंगदान करना चाहते हैं तो आपको इसके बारे में सब कुछ पता होना चाहिए। जैसे कौन-से अंग किसी दूसरे को दान किए जा सकते हैं? क्या आप जानते हैं कि इंसान के मरने के बाद भी अंग कई घंटों तक जीवित रहते हैं, जिस स्थिति में उन्हें किसी के शरीर में ट्रांसप्लांट किया जा सकता है? जो व्यक्ति अंगदान करता है, उसे ‘ऑर्गन डोनर’ कहते हैं। डोनेट किए गए अंग रिसीव करने वाला व्यक्ति ‘रेसिपिएंट’ कहलाता है। आइए अंगदान के बारे में बात करते हैं…
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डोनेट किए जा सकते हैं यह अंग
– फेफड़े, दिल, लीवर, किडनी, छोटी आंत, पैंक्रियाज
– टिश्यू जैसे आंख, हड्डी, स्किन, नसें, हार्ट वॉल्व
किसी उम्र में कर सकते अंगदान
18 साल या इससे अधिक उग्र का कोई भी व्यक्ति अंगदान कर सकता है। अंगदान करने के लिए डोनर की अनुमति अनिवार्य है। अंगदान के लिए मेडिकली, मेंटली फिट होना जरूरी है। कैंसर, एड्स, दिल और फेफड़ों की बीमारी से जूझ रहा व्यक्ति अंगदान नहीं कर सकता। जिंदा रहते हुए इंसान खुद और मरने के बाद उसके परिवार वाले चाहें तो अंगदान कर सकते हैं, लेकिन मरने के बाद अंगदान वही कर सकता है, जो ब्रेन डेड हो, लेकिन दिल धड़क रहा हो। ब्रेन डेड होने की स्थिति में परिवार अंगदान का फैसला ले सकता है।
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मौत के बाद जिंदा रहते यह अंग
इंसान की मौत हो जाने के बाद उसके अंग काम करना बंद कर देते हैं, लेकिन कुछ अंग घंटों तक जिंदा रहते हैं, जिन्हें निकालकर किसी दूसरे को देकर उसकी जिंदगी बचाई जा सकती है। ज्यादातर लोग आंखें दान करते हैं, जो मौत के बाद 6 से 8 घंटों तक जिंदा रहती हैं। इन्हें निकालकर आई बैंक में रखा जाता है और जररूतमंद को ट्रांसप्लांट किया जा सकता है। दिल 4 से 6 घंटे तक धड़कता रहता है। इस दौरान दिल को किसी की जान बचाने के लिए उसमें ट्रांसप्लांट किया जा सकता है।
सबसे ज्यादा समय तक हार्ट वॉल्व जिंदा रहता
किडनी 72 घंटे और लीवर 8 से 12 घंटे जिंदा रहता है। इन घंटों में उसे किसी में ट्रांसप्लांट किया जा सकता है। मरने के बाद इंसान की हड्डियां और स्किन 5 साल जिंदा रखी जा सकती हैं। हार्ट वॉल्व 10 साल जिंदा रहता है। इसलिए जो लोग अंगदान करना चाहते हैं, वे अंगदान कराने वाली संस्था या अस्पताल से संपर्क करें। पूरी जानकारी लेने, पूरी तरह मेंटली तैयार होकर, परिवार के लोगों से विचार विमर्श करने के बाद ही अंगदान करने का फैसला लें, क्योंकि आपका एक फैसला कई जिंदगियां बचा सकता है।