Filaria Disease: फाइलेरिया एक खतरनाक बीमारी है। ये धीरे-धीरे शरीर को खराब करती है। यही वजह है कि फाइलेरिया बीमारी की जानकारी टाइम पर नहीं हो पाती है। लेकिन पता चलने पर फाइलेरिया बीमारी से बचा भी जा सकता है। आमतौर पर फाइलेरिया के कोई साफ लक्षण नहीं दिखाई देते हैं। हालांकि फीवर, शरीर में खुजली और दर्द व सूजन की परेशानी रहती है।
इसके अलावा हाथों-पैरों में सूजन, अंडकोषों में सूजन से भी फाइलेरिया के लक्षण हैं। वैसे इस बीमारी में हाथ-पैर हाथी के पांव जैसे हो जाते हैं। इसलिए इसे हाथीपांव भी कहा जाता है। वैसे तो फाइलेरिया का इंफेक्शन बचपन में ही आ जाता है, लेकिन सालों तक इसके लक्षण नजर नहीं आते हैं।
फाइलेरिया क्या है?
फाइलेरिया एक पैरासाइट बीमारी है। यह बीमारी निमेटोड कीट (Nematode Worms) के कारण होती है। ये परजीवी मच्छरों और खून चूसने वाले कीटों के जरिए इंसान के शरीर में आ सकती है। इस बीमारी को फाइलेरिया (Filaria) या फाइलेरियासिस (Filariasis) भी कहा जाता है।
फाइलेरिया के प्रकार
- लिम्फैटिक फाइलेरियासिस (Lymphatic Filariasis)
- सबक्यूटेनियस फायलेरियासिस (Subcutaneous Filariasis)
- सीरस कैविटी फाइलेरिया (Serous Cavity Filariasis)
फाइलेरिया होने का कारण
वुचेरेरिया बैनक्रॉफ्टी (Wuchereria Bancrofti)
ब्रुगिया मलाई (Brugia Malayi)
ब्रुगिया टिमोरी (Brugia Timori)
मैनसोनेल्ला (Mansonella)
ओन्कोसेरका वॉल्वुलस (Onchocerca Volvulus)
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लक्षण
लफाइलेरिया होने पर इसके लक्षण शरीर के अंगों पर दिखती है।
- पैर
- गुप्तांग
- स्तन
- बांह
बचाव
- रात को सोते टाइम मच्छरदानी यूज करें
- पूरी बांह के कपड़े पहने
- अपने आसपास गंदगी ना होने दें
- नालियों में गंदे पानी को रुकने ना दें
- मरीज को दवा खाली पेट नहीं लेनी चाहिए
Disclaimer: इस लेख में बताई गई जानकारी और सुझाव को पाठक अमल करने से पहले डॉक्टर या संबंधित एक्सपर्ट से सलाह जरूर लें। News24 की ओर से किसी जानकारी और सूचना को लेकर कोई दावा नहीं किया जा रहा है।