फैटी लिवर की बीमारी को कभी भी नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। इस बीमारी को समझने के लिए आपको इसके बारे में थोड़ा विस्तारित तरीके से जानने की जरूरत है। कुछ लोग फैटी लिवर को हल्के में लेते हैं और उससे राहत पाने के लिए खान-पान में बदलावों को बढ़ावा देते हैं। जबकि, यह बीमारी डाइट से भी कहीं अधिक होती है। फैटी लिवर डिजीज पर ध्यान देने के लिए आपको यह भी जानना होगा कि लिवर इकलौता अंग है, जो खुद को खुद रिकवर कर सकता है। मगर जब कोई मरीज, इस बीमारी से पीड़ित होने के बाद भी लाइफस्टाइल में बदलाव नहीं करता है, तो उसके लिए मुसीबत बढ़ सकती है। कई मरीज ऐसे होते हैं, जो डॉक्टर से परामर्श तब लेते हैं, जब उनके लक्षण गंभीर हो जाते हैं। हर साल 19 अप्रैल को विश्व लिवर दिवस मनाया जाता है। इस उपलक्ष्य पर आइए जानते हैं इस बारे में सब कुछ।
विश्व लिवर दिवस 2025 थीम
विश्व लिवर दिवस 2025 की थीम “भोजन ही औषधि है” है। यह थीम लिवर के स्वास्थ्य को बनाए रखने और लिवर की बीमारियों को रोकने में पोषण की महत्वपूर्ण भूमिका पर जोर देती है। इस तर्ज पर हमारी रिपोर्ट बताती है कि सही डाइट का होना और न होना कैसे अपनी भूमिका अदा करता है।
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सिर्फ डाइट क्यों काफी नहीं है?
फैटी लिवर वैसे तो एक आम बीमारी है, जो काफी लोगों को प्रभावित कर रही है। कुछ लोग अपने इलाज की शुरुआत तब करते हैं, जब लिवर एक-तिहाई तक डैमेज हो चुका होता है। ऐसे में अगर आप लंबे समय तक लिवर की जांचों को नहीं करवाते हैं, तो आपको समझना होगा कि इसकी चेकअप करवाना क्यों जरूरी है। हाइपरटेंशन की समस्या जिस तरह बीपी को बढ़ाती है बिल्कुल वैसे ही फैटी लिवर में भी पेट दर्द, मरोडे़, उल्टी-मतली और पाचन की समस्याएं हो सकती हैं। लोगों की यही गलती होती है कि वे इन्हें सामान्य समझ लेते हैं। इसके अलावा, सिर्फ डाइट में चेंजिस करने से फैटी लिवर सही नहीं होगा, यह भी जानना जरूरी है। कुछ लोगों के साथ डाइट में बदलाव करने के बाद शरीर में पोषक तत्वों की कमी की समस्या भी हो जाती है।
एक्सपर्ट की राय?
मैक्स अस्पताल, नई दिल्ली, लिवर ट्रांसप्लांट और सर्जरी विभाग के एचओडी डॉक्टर अभिदीप चौधरी बताते हैं कि लिवर डिजीज के बारे में लोगों में जागरूकता है मगर पालन करने के लिए लोगों के पास समय नहीं है। जिन लोगों के शरीर में फैटी लिवर के लक्षण हल्के होते हैं, वे पीड़ित होने के बाद भी शराब का सेवन करते हैं और असंतुलित खाना खाते हैं, जो उनकी सेहत को और ज्यादा गर्त में डाल सकता है। इसके अलावा, तनावपूर्ण जिंदगी भी फैटी लिवर की प्रॉब्लम को बढ़ा सकता है।
किन्हें ज्यादा रिस्क?
डॉक्टर के मुताबिक, जो लोग डायबिटीज के मरीज हैं, कोलेस्ट्रॉल के स्तर से परेशान रहने वाले या फिर ओवरवेट लोग भी इस बीमारी के शिकार हो सकते हैं। ये लोग शुगर के बढ़ते स्तर को नियंत्रित करें। खानपान में सावधानी बरतें तथा एक्सरसाइज भी करें।
फैटी लिवर के संकेत
इस बारे में ग्राफिक्स की मदद से समझें…
अपनाएं ये टिप्स
- नियमित रूप से एक्सरसाइज करें।
- वजन को नियंत्रित रखें।
- शराब से पूरी तरह दूरी बनाएं।
- नींद पूरी करें और तनाव कम करें।
- रेगुलर मेडिकल चेकअप करवाएं।
- डॉक्टर की सलाह से सप्लीमेंट्स या दवाएं लें।
हेल्दी डाइट प्लान आइडिया
- सुबह 1 गिलास गुनगुना पानी पिएं।
- नाश्ते में कम तेल में पकाया हुआ ओट्स, दलिया, मूंग दाल चिल्ला या पोहा खा सकते हैं।
- हर्बल टी पिएं।
- फल जैसे सेब, पपीता, अमरूद या नाशपाती खाएं।
- मल्टीग्रेन आटे की रोटी।
- कम नमक और मसाले में तैयार दाल-सब्जी खाएं।
- गर्मियों में लौकी, तुरई और पालक जैसी सब्जियां खाएं।
- रात को अजवाइन का पानी पिएं।
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Disclaimer: ऊपर दी गई जानकारी पर अमल करने से पहले विशेषज्ञों से राय अवश्य लें। News24 की ओर से जानकारी का दावा नहीं किया जा रहा है।