Fatty Acid Benefits: फैटी एसिड्स शरीर के लिए महत्वपूर्ण पोषक तत्व होते हैं, जो ऊर्जा का प्रमुख सोर्स माने जाते हैं और शरीर के विभिन्न कार्यों को करने में योगदान देते हैं। इन्हें लॉन्ग चेन मोलेक्यूल्स भी कहते हैं, जो कार्बन, हाइड्रोजन और ऑक्सीजन के कणों से मिलकर बने होते हैं। फैटी एसिड्स का प्रमुख काम शरीर को एनर्जी प्रदान करना, सेल्स का विकास करना और फैट स्टोर करना है। इसके अलावा, फैटी एसिड्स शरीर के हार्मोनल कार्यों में भी अहम भूमिका निभाते हैं। आइए जानते हैं फैटी एसिड्स के बारे में विस्तार से जानते हैं सबकुछ।
फैटी एसिड्स के प्रकार
फैटी एसिड्स को तीन प्रमुख श्रेणियों में बांटा गया है, जो इस प्रकार हैं:
1. संतृप्त फैटी एसिड्स
2. असंतृप्त फैटी एसिड्स
3. ट्रांस फैटी एसिड्स
ये भी पढ़ें- पेशाब पीने से बीमारी दूर होने का परेश रावल का दावा कितना सही?
1. सैचुरेटेड फैटी एसिड्स (Saturated Fatty Acids)
सैचुरेटेड फैटी एसिड्स वे होते हैं जिनमें कार्बन एटम के बीच सभी बॉन्ड्स सिंगल होते हैं यानी सभी कार्बन वाले कण पूरी तरह से हाइड्रोजन कणों से घिरे होते हैं। इन फैटी एसिड्स के उदाहरणों में पाम ऑयल, कोकोनट ऑयल और मांस का फैट शामिल होता है। इस फैटी एसिड्स का अत्यधिक सेवन करने से कोलेस्ट्रॉल का स्तर बढ़ता है, जो दिल की बीमारी और स्ट्रोक जैसी समस्याओं का कारण बन सकता है। मगर आपको बता दें कि सीमित मात्रा में इस फैटी एसिड की जरूरत हमारे शरीर को होती है, ताकि हेल्दी रहा जा सके।
2. अनसैचुरेटेड फैटी एसिड्स (Unsaturated Fatty Acids)
अनसैचुरेटेड फैटी एसिड्स वे होते हैं जिनमें कार्बन कणों के बीच एक या एक से अधिक बॉन्ड्स होते हैं। यह लिक्विड के रूप में होते हैं और इनका सेवन हृदय के लिए लाभकारी माना जाता है। इसके भी कई प्रकार होते हैं जैसे कि मोनोअनसैचुरेटेड फैटी एसिड्स और पॉलीअनसैचुरेटेड फैटी एसिड्स। ये शरीर में बैड कोलेस्ट्रॉल को कम और गुड के स्तर को बढ़ाते हैं। ये मुख्यत: ऑलिव ऑयल, अखरोट और बीजों में पाया जाता है।
अनसैचुरेटेड फैटी एसिड्स को सेहत के लिए लाभकारी माना जाता है क्योंकि ये ओमेगा-3 और 6 के सोर्स होते हैं, जो दिल के रोगों के जोखिम को कम करते हैं। ये आंखों, मस्तिष्क समेत पूरे शरीर के लिए जरूरी होते हैं।
3. ट्रांस फैटी एसिड्स (Trans Fatty Acids)
ट्रांस फैटी एसिड्स असामान्य प्रकार के फैटी एसिड्स होते हैं, जिनमें डबल बॉन्ड होते हुए भी इनका स्ट्रक्चर सैचुरेटेड फैटी एसिड्स जैसा होता है। ये आमतौर पर हाइड्रोजनेशन प्रक्रिया के दौरान बनते हैं, जब तरल पदार्थों को ठोस रूप में बदला जाता है। ट्रांस फैटी एसिड्स को सेहत के लिए हानिकारक माना जाता है, क्योंकि ये शरीर में खराब कोलेस्ट्रॉल को बढ़ाते हैं और अच्छे कोलेस्ट्रॉल को घटाते हैं, जिससे हृदय रोग, स्ट्रोक और टाइप-2 डायबिटीज जैसी गंभीर बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है।
ये फैटी एसिड्स विशेष रूप से आलू के चिप्स, बेकरी उत्पादों, मार्जरीन और विभिन्न फास्ट फूड्स में पाए जाते हैं। स्वास्थ्य विशेषज्ञों की सलाह है कि ट्रांस फैटी एसिड्स का सेवन जितना हो सके, कम किया जाए ताकि दिल की सेहत बनी रहे और जीवनशैली संबंधी रोगों से बचाव किया जा सके।
फैटी एसिड्स की खासियत
- फैटी एसिड्स न केवल शरीर को ऊर्जा प्रदान करते हैं, बल्कि कई अन्य महत्वपूर्ण कार्यों में भी योगदान करते हैं:
- फैटी एसिड्स सेल्स का निर्माण करने और उन्हें मजबूती देने का काम करते हैं।
- कुछ फैटी एसिड्स हार्मोन बनाने में मदद करते हैं, जैसे इंसुलिन और कोर्टिसोल।
- फैटी एसिड्स शरीर में विटामिन A, D, E, और K की मात्रा को बढ़ाने में मदद करते हैं।
- फैटी एसिड्स अल्जाइमर और डिप्रेशन जैसी समस्याओं के रिस्क को कम करने में मदद करते हैं।
- सूजन कम करने के लिए भी फैटी एसिड्स की जरूरत होती है।
Fatty Acids की कमी के संकेत
यूनानी एक्सपर्ट, डॉक्टर सलीम जैदी बताते हैं कि हमारे शरीर में कई प्रकार के संकेत दिखाई देते हैं, जो सिर्फ ये बताते हैं कि हमारी बॉडी फैटी एसिड्स की डेफिशिएंसी से पीड़ित हैं। कुछ संकेत इस प्रकार है:
- ड्राई स्किन, परतदार या खुजली होना।
- स्किन में सूजन या लालिमा होना।
- एक्जिमा होना।
- बालों का झड़ना या बालों में रुखापन।
- बार-बार इंफेक्शन होना।
- मूड स्विंग्स होना।
- कुछ नया सीखने में कठिनाई।
- आलस और थकान।
- जोड़ों में दर्द।
ये भी पढ़ें- गर्मियों में छींक किन बीमारियों के संकेत, डॉक्टर के इस घरेलू नुस्खे से मिलेगी राहत
Disclaimer: ऊपर दी गई जानकारी पर अमल करने से पहले विशेषज्ञों से राय अवश्य लें। News24 की ओर से जानकारी का दावा नहीं किया जा रहा है।