Doctor’s Day 2025: आज का दिन बेहद खास है क्योंकि आज यानी 1 जुलाई को पूरी दुनिया में नेशनल डॉक्टर्स डे मना रहा है। यह दिन हमारे रियल हीरोज यानी डॉक्टर्स के लिए समर्पित है। ये वहीं हीरो हैं, जो दिन-रात एक करके हमारी सेहत की देखभाल करते हैं। इसलिए, इन्हें धरती पर भगवान का रूप कहा जाता है। जब भी कोई मरीज इनके पास इलाज कराने जाता है तो उसे कहीं ना कहीं डर रहता है। डॉक्टर्स उसका ट्रीटमेंट करने से पहले उसके इस डर को दूर करने की कोशिश करते हैं, जो बहुत जरूरी होता है। आइए जानते हैं इस बारे में विस्तार से।
क्यों मनाया जाता है डॉक्टर्स डे?
यह दिन समाज में डॉक्टरों की अहमियत और उनके योगदान को सम्मान देने के लिए मनाया जाता है। स्वास्थ्य के क्षेत्र में उनके प्रयासों के लिए आभार व्यक्त करने के लिए यह दिन मनाया जाता है।
कोविड-19 में डॉक्टरों की भूमिका
कोरोना महामारी के दौरान डॉक्टरों ने अपनी जान की परवाह किए बिना मरीजों की सेवा की थी। यह सिर्फ एक देश नहीं बल्कि पूरी दुनिया के डॉक्टरों के लिए चुनौतीपूर्ण समय था। कई डॉक्टरों ने इस कठिन समय में अपनी जान तक गंवाई थी। ऐसे समय में वे न केवल चिकित्सक थे, बल्कि एक गाइड, काउंसलर और मरीजों के मानसिक सहारे के रूप में खड़े थे।
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डर दूर करना भी टास्क
दरअसल, कोई भी मरीज जब भी अपना इलाज करवाता है, तो उस दौरान उन्हें डर और चिंता होना स्वाभाविक होता है, खासतौर पर जो नया-नया ट्रीटमेंट शुरू करते हैं। यह डर डॉक्टरों के सामने एक बड़ी चुनौती बन जाता है, क्योंकि इलाज के लिए मरीज को भी समर्थन देना पड़ता है, ताकि सही तरीके से ट्रीटमेंट का असर हो सके। अनुभवी डॉक्टर अपने विशेष कौशल और व्यवहार से इस डर को दूर करने में कामयाब होते हैं। मगर कैसे? यहां जानिए
मरीज को भरोसा दिलाना जरूरी
मैक्स हेल्थकेयर में ऑन्कोलॉजी विभाग के निदेशक डॉ. कुमारदीप दत्ता चौधरी बताते हैं कि एक अच्छा डॉक्टर सबसे पहले ये भरोसा दिलाता है कि वह उनके स्वास्थ्य को बेहतर करने के लिए पूरी तरह सक्षम हैं। वे मरीज को उसकी स्थिति के बारे में विस्तार से और सरल भाषा में समझाते हैं ताकि वह किसी भी तरह के कन्फ्यूजन में ना रहे।
मरीज की भावनाओं को समझें
गुड़गांव के मेदांता अस्पताल के कैंसर साइंस सेंटर की चेयरपर्सन डॉक्टर तेजिंदर कटारिया बताती हैं कि अच्छा डॉक्टर वही हैं, जो अपने पेशेंट्स की भावनाओं को समझने की कोशिश करते हैं और उनके साथ सहानुभूति वाला रवैया अपनाते हैं।
कुछ बातों का ध्यान रखना सभी डॉक्टरों के लिए जरूरी
डॉक्टर तेजिंदर के अनुसार, हर डॉक्टर को अपने मरीजों की बात ध्यान से सुनकर और उनके सवालों का जवाब देना चाहिए। इससे मरीज को भरोसा दिलाया जाता है कि वह इस परेशानी में अकेला नहीं है। सिर्फ इतना ही नहीं डॉक्टर्स मरीज को तनाव मुक्त रखने के लिए हल्की-फुल्की बातचीत करते रहे, ताकि उनके अंदर मौजूद डर गंभीर न हो जाएं। कई बार मरीज ऐसी बीमारियों से पीड़ित होते हैं, जो उनके जीवन के लिए संघर्षपूर्ण हो जाती है, तो ऐसे में डॉक्टर उन्हें इलाज के अलावा, रिलैक्सेशन तकनीक, जैसे गहरी सांस लेने की विधि का सुझाव भी देते हैं।
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