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भारत को क्यों पड़ी डेंगू की स्वदेशी वैक्सीन की जरूरत? 10,000 से अधिक ट्रायल हुए

New Indian Vaccine For Dengue: भारत में डेंगू की नई वैक्सीन की पहले 2 चरणों की टेस्टिंग पूरी हुई। इस टीके की मदद से डेंगू को सुरक्षित तौर पर नियंत्रित किया जा सकेगा। भारत में डेंगू की वैक्सीन की जरूरत क्यों पड़ रही है, क्या यहां ये रोग बहुत सक्रिय है? आइए जानते हैं।

Author Written By: Namrata Mohanty Author Edited By : Namrata Mohanty Updated: Jul 7, 2025 11:17

New Indian Vaccine For Dengue: डेंगू मच्छरजनित रोग होता है, जो संक्रमित मच्छरों की वजह से होता है। भारत में यह संक्रामक बुखार काफी एक्टिव है। जब-जब मानसून का मौसम नजदीक आने लगता है, तो इस बुखार के रोगियों की भी संख्या बढ़ जाती है। कुछ सालों पहले तक डेंगू के मरीजों की तादाद इतनी हो जाती थी कि अस्पतालों में पर्याप्त बैड भी नहीं होते थे। हालांकि, इस बुखार को नियंत्रित करने के लिए सरकार स्वदेशी वैक्सीन ला रही है। इस वैक्सीन का नाम DengiAll है। बता दें कि यह टीका फिलहाल टेस्टिंग फेज में है। अबतक इसने 2 चरणों की टेस्टिंग सफलता से पार की है, अब तीसरे चरण की तैयारियां चल रही है। आइए जानते हैं भारत को क्यों डेंगू नियंत्रण के लिए स्वदेशी वैक्सीन को मान्यता देनी पड़ रही है।

भारत में डेंगू की स्थिति

डेंगू की शुरुआत भारत में साल 1945 और 46 के बीच हुई थी। हालांकि,उसके कुछ साल बाद यानी तकरीबन 1963‑64 में डेंगू से पहली महामारी हुई थी। इसके बाद 1996 में दिल्ली और आसपास के इलाकों में डेंगू के तेजी से बढ़ते मामलों को दर्ज किया गया। उस साल देश में डेंगू के लगभग 16,517 मामले और 545 मौतें हुई थी। इसके बाद 1998 से 2009 के बीच डेंगू फैलता रहा लेकिन 2003 में फिर देश में इसके मामलों में उछाल देखा गया। इस वर्ष डेंगू के 75,808 मामले और 195 मृत्यु दर्ज की गई थी।

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पिछले 5 वर्षों में डेंगू कहां पहुंचा?

NVBDCP (नेशनल विक्टर बोर्न डिजीज कंट्रोल प्रोग्राम) के आंकड़ों के मुताबिक, देश में बीते 5 सालों में डेंगू के केस इस प्रकार थे। 2019 में 67,119 और 17 मौतें। साल 2020 में 7,861 केस और सिर्फ 2 मौतें। वहीं, 2021 में फिर मामलों में वृद्धि हुई और कुल मरीज 33,736 और 21 मौतें हुई थी। इसके बाद साल 2022 में 44,496 मरीज और 57 मौतें हुई। 2023 में 50,643 केस के साथ 81 मौतें हुई और पिछले साल 2024 की जनवरी और जून का अनुमानित आंकड़ा 2.3 लाख मामले और 297 मौतें दर्ज की गई थी।

नई वैक्सीन क्यों लानी पड़ी?

दरअसल, भारत एशिया के उन देशों में आता है, जहां डेंगू सुपरएक्टिव तरीके से लोगों को प्रभावित करता है। बड़ी संख्या में लोगों को डेंगू न हो, इसके लिए वैक्सीन लाना बहुत जरूरी है। हालांकि, इसका मूल कारण देश की मौजूदा वैक्सीन डेंगू Dengvaxia को उपयोग पर बैन है।

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वैक्सीन कब तक लोगों को मिलेगी

ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) ने नई वैक्सीन के तीसरे चरण के ट्रायल के मंजूरी दे दी है। मगर फिलहाल इसकी टेस्टिंग में थोड़ा समय लगेगा। अक्टूबर के बाद से टेस्टिंग होगी। इस आधार पर वैक्सीन भारत में 2026-27 के बीज तक उपलब्ध होगी।

डेंगू के संकेत और बचाव समझें

तेज बुखार, सिरदर्द, आंखों के पीछे दर्द, मांसपेशियों में दर्द, उल्टी और मतली के साथ प्लेटलेट गिरना और शरीर पर लाल निशान होना, डेंगू के कुछ शुरुआती संकेत है। वहीं, इससे बचाव के लिए आपको डेंगू के मच्छरों को पनपने से रोकना जरूरी है। इसके लिए आपको ठहरा हुआ पानी हटाना चाहिए जैसे कि कूलर, टंकी या गमले आदि में जमा पानी को निकालना। साफ-सफाई का ध्यान रखना। मॉस्क्युटो क्रीम्स, पूरी बाजू के कपड़े पहने और खिड़कियों में जाली लगाएं तथा मच्छरदानी में सोएं, ताकि उसके काटने से बच सके।

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First published on: Jul 07, 2025 11:17 AM

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