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महिलाओं के लिए गुड न्यूज! महज इतने रुपए में होगी सर्वाइकल कैंसर की जांच

Cervical Cancer Test: देश में सर्वाइकल कैंसर के मामले हर साल बढ़ते हैं। इस बीमारी के कारण महिलाओं में मौत का आंकड़ा भी बढ़ रहा है। हालांकि, एम्स के एक्सपर्ट का दावा है कि मात्र 100 रुपये में सर्विकल कैंसर की जांच हो पाएगी।

Edited By : Deepti Sharma | Updated: Apr 24, 2024 23:53
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Cervical cancer test
सर्विकल कैंसर की जांच Image Credit: Freepik

Cervical Cancer Test: भारत में सर्विकल कैंसर से हर घंटे कई महिलाएं जान गंवाती हैं। इसकी वजह समय पर बीमारी का पता न चलना और समय पर फिर इलाज नहीं हो पाता है।

इसको देखते हुए एम्स के डॉक्टरों ने मैग्नेटिक नैनोपार्टिकल क्वांटम डाट्स कपल्ड इम्यूनो-नैनो फ्लोरेसेंस ऐसे (Magnetic Nanoparticle Quantum Dots Coupled Immuno-Nano Fluorescence) तकनीक का यूज करके सर्वाइकल कैंसर की जांच की एक नई टेक्निक और किट बनाई है, जो पैप स्मीयर से ज्यादा बेस्ट और इम्यूनोफ्लोरेसेंस व हिस्टोपैथोलाजी (Immunofluorescence And Histopathology) के बराबर 100% असरदार होगी।

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बिना किसी बड़ी लैब के होगा टेस्ट 

एम्स के एक्सपर्ट का दावा है कि इस किट की हेल्प से मात्र 100 रुपये में सर्वाइकल कैंसर का टेस्ट पॉसिबल है। मौजूदा समय में सर्वाइकल कैंसर की स्क्रीनिंग के लिए ज्यादातर अस्पतालों में पैप स्मीयर (Pap Test) टेस्ट किया जाता है। इसकी रिपोर्ट करीब दो हफ्ते में आती है। रिपोर्ट पॉजिटिव मिलने पर सर्वाइकल कैंसर की पुष्टि के लिए इम्यूनोफ्लोरेसेंस व हिस्टोपैथोलाजी टेस्ट होता है।

इस तकनीक का एम्स ने कराया पेटेंट

इस टेक्निक में 25 नैनो मीटर के छोटे-छोटे गोल्ड मेगनेट यूज किए गए हैं। सबसे पहले सैंपल को मसलकर साल्यूशन में मिला दिया जाता है और ये कैंसर के लिए जिम्मेदार ई 75 प्रोटीन साल्यूशन के साथ चिपक जाता है।

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इसके बाद यूवी लाइट ड्रोप करने पर सैंपल का कलर बदलकर आरेंज कलर हो जाए तो इसका साफ मतलब है कि मरीज को कैंसर है। सैंपल का कलर नहीं चेंज का मतलब है कि मरीज को कैंसर नहीं है।

इस टेक्निक को एम्स पेटेंट करा चुका है। इस रिसर्च के लिए शुरुआत में एम्स ने 5 लाख रुपये का फंड दिया था। इसके बाद इस रिसर्च का डाटा साइंस और इंजीनियरिंग अनुसंधान बोर्ड (Science and Engineering Research Board) को सौंपा गया। तब एसईआरबी ने दूसरे फेज के ट्रायल के लिए फंड जारी किया। दूसरे फेज का ट्रायल चल रहा है, जो 10 हजार सैंपल पर होगा।

कैसे लेंगे सैंपल

इस जांच के लिए सैंपल पैप स्मीयर की तरह ही लिया जा सकेगा। इसलिए दूर के इलाकों में एएनएम भी जांच कर सकेंगी। जांच रिपोर्ट पॉजिटिव होने पर अलग से हिस्टोपैथोलाजी टेस्ट कराने की जरूरत नहीं होती है।

सर्विकल कैंसर की बीमारी होने से पहले शुरुआती दौर में 3 स्टेज होती हैं। जिसे सीआइएन (Cervical Intraepithelial Neoplasia) स्टेज- एक, सीआइएन स्टेज दो व सीआइएन स्टेज-3 कहा जाता है।

टेस्ट में कितना टाइम लगता है ?

नई टेक्निक से सर्विकल कैंसर की पहचान की जा सकेगी। पर्सनल लैब में पेप स्मीयर टेस्ट का किराया करीब 800 रुपये और हिस्टोपैथोलाजी टेस्ट शुल्क करीब 6 हजार रुपये होता है।

नया टेस्ट का रेंट बहुत कम होगा। इसके साथ ही 15 से 30 Min में टेस्ट हो जाता है और कुछ घंटों में रिपोर्ट रेडी हो जाती है। इसलिए स्क्रीनिंग में भी इसका यूज हो सकेगा।

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Written By

Deepti Sharma

First published on: Apr 24, 2024 10:48 PM

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