Carpal Tunnel Syndrome: क्या आपको उंगलियों, हथेली और कभी-कभी पूरे हाथ में तेज दर्द महसूस होता है? खासकर जब आप कंप्यूटर या लैपटॉप पर काम करते हैं? अगर ऐसा है तो यह कार्पल टनल सिंड्रोम के कारण हो सकता है।
कार्पल टनल सिंड्रोम के कारण हाथ और हाथों की कलाई में तेज दर्द होता है। यह सिंड्रोम पुरुषों के मुकाबले में महिलाओं में तीन गुना ज्यादा होता है। अक्सर यह समस्या 30 साल के बाद या प्रेगनेंसी के दौरान और डिलीवरी के बाद शुरू होती है। हालांकि, कभी-कभी ऐसा एक हाथ के ज्यादा इस्तेमाल, कंप्यूटर या लैपटॉप पर उंगलियां चलाने के कारण होता है।
कार्पल टनल सिंड्रोम की शुरुआत कैसे होती है?
कार्पल टनल सिंड्रोम की शुरुआत नॉर्मल तरीके से होती है, लेकिन समस्या जब बढ़ने लगती है, तो इस कंडीशन में अंगूठे, मिडिल और रिंग फिंगर में पेन होता है। कई बार कलाई, कोहनी और हाथ में दर्द होने लगता है। लंबे समय तक दर्द की वजह से झुनझुनी और दर्द हो सकता है।
कार्पल टनल सिंड्रोम क्या है?
कार्पल टनल कलाई में हड्डियों और अन्य सेल्स से बनी एक नेरो ट्यूब है। यह ट्यूब मीडियन नर्व की सुरक्षा करती है। हमारे शरीर में मीडियन नर्व अंगूठे, मिडिल फिंगर और रिंग फिंगर से जुड़ी होती है।
कार्पल टनल सिंड्रोम के कारण
- कीबोर्ड या माउस का ज्यादा यूज करना
- बहुत देर तक टाइपिंग करना
- जेनेटिक
- डायबिटीज
- थायराइड की समस्या
- हाई ब्लड प्रेशर
- कलाई में कोई चोट या फ्रैक्चर
- ऑटोइम्यून बीमारियां जैसे रुमेटीइड गठिया
- मोटापा
- ज्यादा शराब का सेवन
कार्पल टनल सिंड्रोम के लक्षण
- उंगलियों, कंधों और कोहनियों में भी दर्द होना।
- उंगलियों का सुन्न होना।
- उंगलियों में दर्द और झुनझुनी होना।
- चीजें पकड़ने में परेशानी होना।
- हाथ की मसल्स में कमजोरी।
- उंगलियों में जलन होना।
- नींद की समस्या होना।
कार्पल टनल सिंड्रोम से बचाव कैसे करें
अगर आपकी लंबे समय तक बैठने वाली जॉब है, तो बीच-बीच में उठकर ब्रेक लेते रहें। शरीर की सभी मांसपेशियों को एक्टिव रखने की कोशिश करें। हाथों और कलाइयों को घुमाते रहें। हथेलियों और उंगलियों की एक्सरसाइज करें। सोते समय अपने हाथों का इस्तेमाल कम से कम करें।
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