Asthma in Monsoon: बरसात का मौसम गर्मी से तो राहत दिलाता है लेकिन इस मौसम में कई बीमारियों और इंफेक्शन का खतरा बढ़ जाता है। इस मौसम में न केवल डेंगू-मलेरिया, स्किन इंफेक्शन होता है बल्कि कई गंभीर बीमारियां भी होती हैं। आइए जानते हैं मानसून में किस बीमारी का खतरा सबसे ज्यादा बढ़ जाता है और इससे कैसे बचाव किया जा सकता है।
बारिश के मौसम में अस्थमा होने का खतरा बढ़ जाता है। इसे ब्रोन्कियल अस्थमा भी कहा जाता है। ये अक्सर मौसम में नमी, धूल, वायरस, फंगल होने के कारण होता है। इस बीमारी में सांस लेने में दिक्कत, सीने में दर्द, थकावट और सांस फूलने जैसी समस्या होती है। ये एक प्रकार की एलर्जी है। जिन व्यक्ति को फूल और पत्तों में मौजूद पोलन से एलर्जी होती है वो इस मौसम सावधानी जरूर बरते।
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एक्सपर्ट ने बताया बीमारी होने का कारण
फरीदाबाद के मौरिंगो एशिया हॉस्पिटल के डायरेक्टर पल्मोनोलॉजी डॉ. गुरमीत सिंह छाबरा कहते हैं कि अगर मौसम में 30-50 प्रतिशत तक नमी होती है तो फेफड़े अच्छे से काम करते हैं वहीं जब नमी 50 प्रतिशत से ऊपर हो जाती है तो फेफड़ों की नलियों में सूजन होने लगती है जिसकी वजह से सांस लेने में दिक्कत हो सकती है। वहीं ज्यादा बारिश होने के कारण फूल, पेड़ों में मौजूद पोलन झड़ जाते हैं और व्यक्ति जब सांस लेता है तो पोलन उसके नाक के रास्ते अंदर चले जाते हैं जिसकी वजह से सांस का अटैक पड़ सकता है। बारिश के मौसम में सूरज बहुत कम आता है जिसकी वजह से इंसान को एंग्जायटी, तनाव, डिप्रेशन होने लगता है और इन सभी के कारण भी लोगों को सांस का अटैक पड़ सकता है।
कैसे करें बीमारी से बचाव
- कोशिश करें कि आप बारिश में न भीगे।
- धूल-मिट्टी, कीचड़ और गंदगी वाली जगह में न जाएं।
- बारिश के मौसम में गर्म पानी पीएं और गर्म पानी से ही नहाएं।
- एसी का तापमान न ज्यादा ठंडा और न ज्यादा गर्म रखें।
- सर्दी जुकाम होने पर भाप लें।
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Disclaimer: ऊपर दी गई जानकारी पर अमल करने से पहले डॉक्टर की राय अवश्य ले लें। News24 की ओर से कोई जानकारी का दावा नहीं किया जा रहा है।