Air Pollution and Chronic Obstructive Pulmonary Disease: पटाखों पर लगे बैन के बावजूद भी लोगों ने जमकर पटाखों के साथ दिवाली का त्योहार मनाया और इसका प्रभाव हवा में देखने के साथ-साथ महसूस भी कर रहे हैं। Delhi-NCR समेत देश के अलग-अलग हिस्सों में दिवाली के बाद से हवा का लेवल काफी खराब हो गया है। ऐसे में प्रदूषित हवा में सांस लेने का मतलब है कई स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याओं के खतरे को न्यौता देना है। क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज (COPD) इन्हीं में से एक है। इसलिए हर साल लोगों में जारूकता लाने के लिए वर्ल्ड सीओपीडी डे 15 नवंबर को मनाया जाता है।
इस बीमारी के बारे में जानने के लिए और वायु प्रदूषण से इसके संबंध के बारे में Bhagat Chandra Hospital, Delhi से Dr. Manish Jain, Consultant Neonatology ने कई जरूरी बातें बताई-
प्रदूषण कैसे सीओपीडी की वजह ?
डॉक्टर के मुताबिक, वायु प्रदूषण क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज (सीओपीडी) के विकास का एक रिस्क फैक्टर है। एयर पोल्यूटेंट एल्वियोली लेवल पर लंग्स को नुकसान करते हैं। एल्वियोली(Alveoli) एक थैली है, जहां कार्बन डाइऑक्साइड (Carbon dioxide) और ऑक्सीजन गैस (Oxygen Gas) की अदला-बदली होती है। ऐसे में एयर पॉल्यूशन के बढ़ते लेवल के कारण एल्वियोली को हानि हो सकती है, जो सीओपीडी की वजह बनती है।
फाइन पार्टिकुलेट मैटर (PM2.5) और अन्य प्रदूषित चीजें लंग्स में चली जाती हैं, जिससे हमारे एयरवेज में सूजन और जलन महसूस होती है। हवा में मौजूद पोल्यूटेंट के लंबे टाइम तक संपर्क में रहने से ऑक्सीडेटिव तनाव (Oxidative Stress) और लंग्स टिश्यू को हानि हो सकती है। ज्यादातर इससे पहले से ही रेस्पिरेटरी से जुड़ी परेशानियों वाले लोगों पर ज्यादा असर हो सकता है।
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सीओपीडी के नॉर्मल लक्षण
- खांसी
- थकान होना
- घरघराहट रहना
- सांस फूलना
- सीने में जकड़न होना
- सांस लेने में परेशानी
- कभी-कभार चेस्ट पेन
कैसे करें बचाव
सीओपीडी से बचने के लिए सबसे पहले जरूरी है लंग्स को सेफ रखना।
लंग्स हेल्दी रहें, इसलिए जरूरी है धूम्रपान से बचें।
प्रदूषण से बचाव के लिए जरूरी है प्रदूषण से जुड़ी बातों को फॉलो करना।
घर के अंदर हवा बेहतर बनी रहे, इसके लिए जरूरी है अच्छा वेंटिलेशन करें।
खाना बनाने के दौरान होने वाले धुएं से बच कर रहना चाहिए।
एक्सरसाइज की हेल्प से भी लंग्स को मजबूत कर सकते हैं।
इन्फ्लूएंजा और निमोनिया का टीका जरूर लगवाएं और सीओपीडी को रोकने में मदद मिलती है।
एलर्जी और अस्थमा की बीमारियों को मैनेज करना, प्रोपर जांच कराते रहना और टाइम से दवाओं का सेवन करना चाहिए।
Disclaimer: इस लेख में बताई गई जानकारी और सुझाव को पाठक अमल करने से पहले डॉक्टर या संबंधित एक्सपर्ट से सलाह जरूर लें। News24 की ओर से किसी जानकारी और सूचना को लेकर कोई दावा नहीं किया जा रहा है।