Afternoon Nap Good or Bad: दोपहर में काम करना या खाने के बाद नींद आना नेचुरल है। दिन में खाना खाते हैं तो डाइजेस्टिव सिस्टम में ब्लड सर्कुलेशन बढ़ता है। इसके कारण ब्रेन में खून की सप्लाई कम रहती है, तो इस वजह से नींद की समस्या हो सकती है। क्योंकि खाने के बाद बॉडी में ग्लूकोज का लेवल बढ़ता है, जिसकी वजह से झपकी आती है। यह एक नार्मल प्रोसेस है इसलिए टेंशन की कोई बात नहीं। लेकिन अगर रोज सोने की आदत बन जाए तो हेल्थ पर इसका असर होता है। आइए जानें..
दोपहर में सोना अच्छा या बुरा
बड़े बुजुर्ग अगर दिन में नींद लेते हैं तो प्रोडक्टिविटी बढ़ाने में हेल्प मिल सकती है। हालांकि, आदत बनना भी नेगेटिव हो सकता है। दोपहर में झपकी लेने से हम बेहतर काम कर सकते हैं और एक्टिव भी रहते हैं। लेकिन ये आदत आपको कई नुकसान दे सकती है। दिन में ज्यादा देर तक सो रहे हैं तो सेहत से जुड़ी कई समस्याएं हो सकती हैं। दिन में देर तक सोने वाले एडल्ट्स में डायबिटीज, दिल की बीमारी और डिप्रेशन का खतरा रहता है। दोपहर में सोने का मतलब है कि आपकी नींद पूरी नहीं है इसलिए आप सोते हैं। जो रात में ठीक से सोते नहीं हैं उनमें क्रोनिक बीमारियों का खतरा रहता है। कुछ हेल्थ एक्सपर्ट्स के अनुसार, दिन में हल्की सी झपकी लेना सही है,लेकिन ज्यादा लेना सही नहीं है।
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किन लोगों को दिन में सोना चाहिए
स्टूडेंट- पढ़ाई करते-करते थकान होती है। ऐसे में कुछ देर के लिए झपकी लेना सही है।
बुजुर्ग- बॉडी और दिमाग को आराम देने के लिए बुजुर्ग भी दोपहर में सो सकते हैं।
इनडाइजेशन की समस्या वाले लोग- जिन्हें वात के कारण अपच की परेशानी है, उनके लिए दोपहर में सोना सही है।
चिड़चिड़े नेचर के लोग- ऐसे लोगों को दिन में सोने से मन शांत रहता है।
सर्जरी- दोपहर में झपकी लेने से रिकवरी में हेल्प मिलती है।
किन लोगों को नहीं सोना चाहिए
- मोटापे से पीड़ित लोगों को नहीं सोना चाहिए।
- वजन कम करने वालों को भी दिन में नहीं सोना चाहिए।
Disclaimer: इस लेख में बताई गई जानकारी और सुझाव को पाठक अमल करने से पहले डॉक्टर या संबंधित एक्सपर्ट से सलाह जरूर लें। News24 की ओर से किसी जानकारी और सूचना को लेकर कोई दावा नहीं किया जा रहा है।