जल ही जीवन है। पानी पीने की सलाह सभी हेल्थ एक्सपर्ट द्वारा दी जाती है। भोजन और पानी, वैसे तो दोनों ही जरूरी होते हैं लेकिन पानी की महत्वता काफी अलग होती है। गर्मियों के मौसम में पानी की मात्रा अधिक बढ़ा देना चाहिए क्योंकि इससे हाइड्रेशन की कमी नहीं होती है। बता दें कि गर्मियों में डिहाइड्रेशन की प्रॉब्लम कई बीमारियों के रिस्क को बढ़ा सकती है। इनमें हीट स्ट्रोक और इंडाइजेशन की समस्याएं शामिल होती हैं। पाचन तंत्र को सही रखने के लिए पानी पीना जरूरी होता है। मगर गलत तरीके से पानी पीने पर डाइजेशन बिगड़ भी सकता है। अक्सर पानी पीने की गलतियां लोग खाना खाने के दौरान करते हैं।
आचार्य बालकृष्ण की किताब पतंजलि लाइन ऑफ ट्रीटमेंट में बताया गया है कि खाने से पहले और बाद में पानी पीने से डाइजेस्टिव सिस्टम के जूस (लिक्विड) प्रभावित होते हैं।
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डाइजेशन पर पानी का असर क्या?
किताब में बताई गई जानकारी के मुताबिक, पानी पीने से पाचन तंत्र प्रभावित होता है। इनमें सकारात्मक और नकारात्मक दोनों प्रभाव शामिल होते हैं। हमारे गट में पहले से ही कुछ एसिड्स होते हैं, भोजन और पानी का इन तत्वों से मिलन होने पर यह स्वास्थ्य को बिगाड़ने और सुधारने का काम करता है।
खाने से पहले पानी पीना
एक्सपर्ट्स के मुताबिक, खाना खाने से 10-15 मिनट पहले पानी पीना फायदेमंद होता है। इससे पाचन तंत्र एक्टिव हो जाता है। खाने से पहले पानी पीते हैं, तो उससे भूख नियंत्रित होती है और आप ओवरइटिंग से बचते हैं। ऐसे में आपको बार-बार खाने की क्रेविंग्स नहीं होगी। खाने से पहले पानी पीने से गैस्ट्रिक जूस रिलीज होने लगते हैं, जो पाचन में मदद करते हैं।
खाने के बाद पानी पीना
खाना खाने के लगभग 30 मिनट बाद पानी पीना फायदेमंद माना जाता है। क्योंकि इस अंतराल में खाना सही से पचता है। अगर कोई तुरंत पानी पीता है, तो खाने के साथ-साथ पेट में फ्लूइड भी बढ़ जाता है। लिक्विड बढ़ने पर पाचन क्रिया धीमी हो जाती है और गैस जैसी समस्याएं होती हैं। आप खाने के दौरान बीच में थोड़ा पानी पी सकते हैं, वह पाचन बढ़ाने में मदद करता है।
अन्य टिप्स
- सुबह सबसे पहले और रात को सोने से पहले हल्का गुनगुना पानी पिएं। आयुर्वेद में इसे हेल्दी प्रेक्टिस माना गया है।
- खाना खाने के बाद कुछ देर टहलें और फिर पानी पिएं।
- रोजाना 2 से 3 लीटर पानी पिएं।
- खड़े होकर पानी पीने की आदत को बदलें।
- डिहाइड्रेशन के संकेतों को समझें। इनमें पेशाब का गहरा रंग, स्मैल आना और स्किन ड्राई होना शामिल है।
- बुजुर्गों, बच्चों और गर्भवती महिलाओं को पर्याप्त मात्रा में पानी पीना चाहिए।
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Disclaimer: ऊपर दी गई जानकारी पर अमल करने से पहले विशेषज्ञों से राय अवश्य लें। News24 की ओर से जानकारी का दावा नहीं किया जा रहा है।