नई दिल्ली: टाइटन पनडुब्बी का मलबा 6 दिनों के बाद मिल गया है। इसे कई टुकड़ों में कनाडा के सेंट जॉन पोर्ट पर लाया गया। मलबे में मानव अवशेष मिले हैं। 18 जून को यह सबमरीन अटलांटिक महासागर में 12000 फीट नीचे गई थी। कुछ देर के बाद लापता हो गई। चार दिन बाद 22 जून को इसका मलबा टाइटैनिक जहाज से 1600 मीटर दूर मिला था। इसमें 4 टूरिस्ट और एक पायलट सवार थे।
एजेंसी ने कहा, संयुक्त राज्य अमेरिका के चिकित्सा पेशेवर अनुमानित मानव अवशेषों का औपचारिक विश्लेषण करेंगे। यूएस कोस्ट गार्ड के अधिकारियों ने सबमरीन के मलबे में मानव अवशेष मिलने की बात कही है। इन अवशेषों को मेडिकल टीम के पास जांच के लिए भेजा जाएगा।
तटरक्षक प्रमुख कैप्टन जेसन न्यूबॉयर ने देर से जारी एक बयान में कहा, “टाइटन के विनाशकारी नुकसान के कारणों को समझने और यह सुनिश्चित करने में मदद करने के लिए अभी भी काफी काम किया जाना बाकी है कि ऐसी ही त्रासदी दोबारा न हो। पनडुब्बी के मलबे में लैंडिंग फ्रेम, रियर कवर सहित 5 हिस्से बरामद किए गए हैं।
कोस्ट गार्ड ने बताया कि पनडुब्बी का काफी सारा मलबा अभी टाइटैनिक जहाज के पास है। उसे भी जल्द ही निकालने की कोशिश की जाएगी। पनडुब्बी के मलबे की फॉरेंसिक जांच कर ये पता लगाने की कोशिश की जाएगी की उसमें विस्फोट क्यों हुआ था।
पनडुब्बी को ओशन गेट नाम की कंपनी ने बनाया था। इसका साइज एक ट्रक के बराबर था। ये 22 फीट लंबी और 9.2 फीट चौड़ी थी। पनडुब्बी कार्बन फाइबर से बनी है। टाइटैनिक का मलबा देखने के लिए 2 करोड़ रुपये प्रति व्यक्ति फीस है। यह पनडुब्बी पहले भी लोगों को टाइटैनिक के मलबे तक लेकर गई है।