26 नवंबर 2008 को मुंबई में हुए आतंकी हमले के मास्टरमाइंड तहव्वुर राणा की 18 दिन की कस्टडी नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (NIA) को मिली है। बीते दिन अमेरिका से प्रत्यर्पण के बाद भारत लाकर 64 वर्षीय राणा को देररात दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट में पेश किया गया। एजेंसी ने कोर्ट से राणा की 20 दिन की रिमांड मांगी थी, लेकिन कोर्ट ने राणा को 18 दिन की कस्टडी में भेजा। NIA के स्पेशल जज चंद्रजीत सिंह ने बंद कमरे में राणा के केस की सुनवाई की और देररात 2 बजे उसकी कस्टडी दी। आइए 10 पॉइंट्स में जानते हैं तहव्वुर राणा के प्रत्यर्पण और कस्टडी का पूरा मामला…
The National Investigation Agency (NIA) on Thursday evening formally arrested Tahawwur Hussain Rana, the key conspirator in the deadly 26/11 Mumbai terror attacks, immediately after his arrival at IGIA, New Delhi, following his successful extradition from the United States.… pic.twitter.com/Tg3GBrjbo5
— ANI (@ANI) April 10, 2025
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1. तहव्वुर राणा को 10 अप्रैल दिन गुरुवार को अमेरिका से भारत लाया गया। गुरुवार शाम करीब 6:30 बजे अमेरिकी गल्फस्ट्रीम G550 विमान में राणा को लेकर NIA की टीम दिल्ली के पालम टेक्निकल एयरपोर्ट पर लैंड हुई। विमान से उतरते ही उसका मेडिकल चेकअप किया गया और फिर उसे कड़ी सुरक्षा में NIA हेडक्वार्टर ले जाया गया।
2. भारत की धरती पर उतरने के बाद NIA हेडक्वार्टर से राणा की पहली तस्वीर सामने आई। नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (NIA) के अधिकारी उसे पकड़े नजर आए। NIA हेडक्वार्टर से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए राणा को पटियाला हाउस कोर्ट में पेश किया गया, जहां NIA के स्पेशल जज ने राणा का केस सुना और 18 दिन की कस्डटी में भेजा।
3. तहव्वुर राणा को दिल्ली की तिहाड़ जेल में हाई सिक्योरिटी सेल में रखा जाएगा। हालांकि कब से तिहाड़ जेल लाया जाएगा और किस वार्ड में रखा जाएगा, इसका अंतिम फैसला अभी तक नहीं हुआ है, लेकिन जांच एजेंसी NIA और खुफिया एजेंसी RAW की एक जॉइंट टीम राणा को अमेरिका से लेकर आई है और उसकी सुरक्षा बहुत टाइट है।
4. सूत्रों के अनुसार, राणा को दिल्ली तिहाड़ जेल में रखा जाएगा और उसे आतंकी हमले की सुनवाई के लिए मुंबई ले जाया जाएगा, जहां उसे आर्थर रोड जेल में रखा जाएगा। जहां राणा को उसी कोठरी में रखा जा सकता है, जिसमें आतंकवादी अजमल कसाब को फांसी देने से पहले रखा गया था। राणा पर आपराधिक षड्यंत्र रचने, भारत सरकार के खिलाफ युद्ध छेड़ने, हत्या और जालसाजी तथा गैर-कानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम के तहत आरोप लगाए गए हैं।
5. NIA ने तहव्वुर राणा की हिरासत को सही ठहराने के लिए उसके द्वारा भेजे गए ईमेल सहित कई पुख्ता सबूत पेश किए हैं। एजेंसी ने अदालत को बताया कि मुंबई आतंकी हमले की साजिश का पर्दाफाश करने के लिए राणा को हिरासत में लेकर पूछताछ करना बहुत जरूरी है। आतंकी हमलों को अंजाम देने में राणा की भूमिका की जांच की जाएगी।
6. NIA ने दलील दी कि मुंबई आतंकी हमले की साजिश रचते हुए आरोपी नंबर 1 डेविड कोलमैन हेडली ने भारत आने से पहले तहव्वुर राणा के साथ मिलकर पूरा ऑपरेशन प्लान किया था। हेडली ने राणा को साजिश में इलियास कश्मीरी और अब्दुर रहमान की भूमिका के बारे में बताया था। इलियास कश्मीरी हरकत-उल जिहाद अल-इस्लामी (हूजी) का नेता है, जो अलकायदा से संबंधित है और प्रतिबंधित आतंकवादी समूह है। मेजर अब्दुर रहमान हाशिम उर्फ ’पाशा’ भारत के मोस्ट वांटेड टेररिस्ट की सूची में शामिल है और लश्कर-ए-तैयबा के प्रमुख हाफिज सईद, दाऊद इब्राहिम के बाद तीसरे नंबर पर है।
7. तहव्वुर राणा पर डेविड कोलमैन हेडली उर्फ दाउद गिलानी और आतंकवादी संगठनों लश्कर-ए-तैयबा (LET) और हरकत-उल-जिहादी इस्लामी (HUJI) के गुर्गों तथा अन्य पाकिस्तानी एजेंसियों के साथ मिलकर साल 2008 में मुंबई में आतंकवादी हमलों को अंजाम देने की साजिश रचने का आरोप है। आतंकी हमले में कुल 166 लोग मारे गए थे और 238 से अधिक घायल हुए थे। तहव्वुर राणा को अमेरिका के शिकागो में अक्टूबर 2009 में FBI ने गिरफ्तार किया था। राणा पर मुंबई के 26/11 और कोपेनहेगन में आतंकी हमले को अंजाम देने के लिए आवश्यक सामान मुहैया कराने का आरोप था।
8. मुंबई हमले के मास्टरमाइंड डेविड कोलमैन हेडली की गवाही पर राणा को साल 2013 में पाकिस्तान में एक्टिव आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा से संबंध रखने और डेनिश अखबार पर हमले की साजिश रचने के आरोप में 14 साल जेल की सजा सुनाई गई थी।
9. वहीं पाकिस्तान ने तहव्वुर राणा से खुद को अलग करते हुए दावा किया है कि वह कनाडाई नागरिक है। राणा ने कई सालों तक पाकिस्तानी सेना में डॉक्टर के तौर पर काम किया और उसके बाद कनाडा, फिर अमेरिका चला गया, जहां उसने दोनों देशों की नागरिकता हासिल कर ली, लेकिन उसने गुप्त अभियानों के लिए सेना से संपर्क बनाए रखा था।
10. 2 महीने पहले अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने प्रधानमंत्री मोदी की यात्रा के दौरान घोषणा की थी कि उनके प्रशासन ने दुष्ट तहव्वुर राणा के भारत प्रत्यर्पण को मंजूरी दे दी है। राणा ने प्रत्यर्पण को अमेरिका की सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी( राणा ने अपनी याचिका में भारत में ‘यातना’ दिए जाने का आरोप लगाया था। साथ ही उसने पार्किंसन बीमारी होने के चलते प्रत्यर्पण नहीं किए जाने की अपील की थी, लेकिन उसकी याचिका खारिज कर दी गई।