विनोद जगदाले की रिपोर्ट
Sharad Pawar Party New Election Symbol : केंद्रीय चुनाव आयोग ने आखिरकार अपना फैसला देते हुए राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी को अजित पवार के हवाले कर दिया। साथ ही EC ने एनसीपी का चुनाव चिह्न घड़ी भी अजीत पवार के हाथ में बांध दी। इससे पावर गुट के कार्यकर्ताओं को धक्का जरूर लगा है, लेकिन शरद पवार ज्यादा परेशान नहीं हैं। शरद पवार चुनाव आयोग के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट से गुहार लगा सकते हैं। आइए जानते हैं कि शरद पवार अपने 55 साल के राजनीतिक जीवन में अबतक कितने सिंबल पर चुनाव लड़ चुके हैं।
सबसे पहले कांग्रेस पार्टी में रहते शरद पवार बैल जोड़ी चुनाव चिह्न से मैदान में उतरे थे और जीत हासिल की थी। फिर कांग्रेस में टूट हुई और पवार को गाय-बछड़ा चुनाव चिह्न मिल गया। उस चुनाव चिह्न से भी पवार चुनाव जीते थे। उसके बाद एक बार फिर कांग्रेस में टूट दिखी और तीसरा चुनाव चिह्न चरखा मिला।
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गाय-बछड़ा और चरखा के सिंबलों पर चुनाव लड़ चुके हैं शरद पवार
शरद पवार ने तीसरे चुनाव चिह्न चरखा से चुनाव लड़ा और जीत दर्ज की। जीत हासिल करने बाद भारत के दिवंगत प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने कांग्रेस में शरद पवार की फिर वापसी कराई। तब हाथ का पंजा चुनाव चिह्न लेकर शरद पवार कई चुनाव जीते थे।
1999 से 2014 तक महाराष्ट्र की सत्ता में रही एनसीपी
1999 में शरद पवार ने विदेशी मूल का मुद्दा उठाया और अपनी नई पार्टी बना ली। उन्होंने नई पार्टी का नाम राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी रखा। तब उन्हें घड़ी चुनाव चिह्न मिला। 1999 से लेकर 2014 तक एनसीपी महाराष्ट्र की सत्ता में रही।
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उगता हुआ सूरज हो सकता है नया चुनाव चिह्न
जब एनसीपी में टूट हुई तब शरद पवार ने कहा था कि अगर चुनाव चिह्न चला जाता है तो इससे कोई फर्क नहीं पड़ेगा। आज लोगों तक चुनाव चिह्न पहुंचाना काफी आसान हो चुका है। शरद गुट को आज चुनाव आयोग को अपनी पार्टी का नाम और चिह्न देना है। जानकारी मिली है कि शरद पवार अपनी पार्टी का नाम राष्ट्रवादी कांग्रेस शरद पवार रख सकते हैं। साथ ही चुनाव आयोग को उगता हुआ सूरजा संबल दे सकते हैं।