महाराष्ट्र: पात्रा चॉल घोटाले में शिवसेना सांसद संजय राउत की रिमांड लेने के बाद बुधवार को ईडी ने कहा कि मुंबई में दो स्थानों पर छापेमारी में उन्हें इस केस से संबंधित महत्वपूर्ण दस्तावेज बरामद हुए हैं। समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार ईडी अधिकारियों का कहना है कि उन्हें पता चला है कि संजय राउत ने अलीबाग में 10 भूखंडों के लिए विक्रेताओं को 3 करोड़ रुपये नकद में दिए थे।
Statement of former HDIL accountant also recorded today. Apart from money transferred to Raut's account, Raut had received large amount of cash from Praveen Raut. This is the money used in purchase of flats in Alibaug & Mumbai: ED
---विज्ञापन---— ANI (@ANI) August 3, 2022
वहीं, बुधवार को इस केस में एचडीआईएल के पूर्व लेखाकार का बयान दर्ज किया गया। ईडी के अनुसार राउत के खाते में पैसे ट्रांसफर करने के अलावा राउत को प्रवीण राउत से बड़ी रकम नकद मिली थी। अलीबाग और मुंबई में फ्लैटों की खरीद में इस पैसे का इस्तेमाल होता है।
रिमांड पर है राउत
इससे पहले मंगलवार को शिवसेना सांसद संजय राउत को कोर्ट ने चार दिन की ईडी को रिमांड पर सौंप था। ईडी उनसे पात्रा चॉल मामले के बारे में पूछताछ कर रही है। सुनवाई के दौरान ईडी के वकील एड हितेन वेनेगांवकर ने अदालत को बताया कि जांच से पता चला है कि घोटाले के पैसे में से (1.6 करोड़ रुपये) अलीबाग के किहिम बीच पर जमीन का एक प्लॉट खरीदा गया था। वकील ने आगे बताया कि एक प्लॉट सपना पाटकर के नाम पर लिया गया था। जांच में यह भी पता चला कि प्रवीण राउत संजय राउत का फ्रंट मैन था।
यह है पात्रा चॉल घोटाला
पात्रा चॉल घोटाला मुंबई के उपनगरीय इलाके गोरेगांव के सिद्धार्थ नगर का है। यह इलाका पात्रा चॉल के नाम से लोकप्रिय है। यह 47 एकड़ में फैला है, जिसमें कुल 672 घर हैं। इसी पात्रा चॉल पुनर्विकास परियोजना में धांधली के मामले की जांच अब ईडी के हाथों में है। पुनर्वास का ठेका गुरु आशीष कंस्ट्रक्शन लिमिटेड (GACPL) को दे दिया था। लेकिन, 14 साल बाद भी लोगों को घर नहीं मिला है।