Prashant Kishor Attack on Nitish Kumar : चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर इन दिनों समस्तीपुर में पदयात्रा कर रहे हैं। इस दौरान वह लगातार बिहार में सत्तासीन महगठबंधन सरकार के मुखिया नीतीश कुमार पर हमलावर हैं। ताजा हमले में उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार कहते हैं कि मोबाइल चलाने वाले पागल हो जाएंगे। धरती का नाश होने वाला है। क्या आप मनोवैज्ञानिक हैं? इसी तरह उन्होंने बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव को भी कठघरे में खड़ा किया और कहा कि तेजस्वी यादव चाहते हैं कि बिहार का समाज अनपढ़ बना रहे तभी ना 9वीं पास को लोग अपना नेता मानेंगे।
न करें नीतीश और तेजस्वी से कोई अपेक्षा
जन सुराज पदयात्रा के सूत्रधार प्रशांत किशोर ने नीतीश और तेजस्वी यादव के विकास के दावों की पोल खोलते हुए समाज के लोगों से अपील की कि इन नेताओं से आप कोई अपेक्षा ना करें। प्रशांत किशोर ने कहा कि इन नेताओं से आप क्या अपेक्षा करते हैं? तेजस्वी यादव जैसे लोग चाहते हैं कि समाज में लोग एक-दूसरे से लड़ते-झगड़ते रहें। समाज अगर पिछड़ा रहेगा तभी न जाकर 9वीं पास आदमी को लोग अपना नेता मानेंगे।
बिहार में भयावह स्थिति
अपने बयान में प्रशांत किशोर ने यह भी कहा कि बिहार में जो आदमी शर्ट के ऊपर गंजी पहन ले तो लोगों को लगता है कि वही जमीनी नेता है। भले ही उसको भाषा और विषय का ज्ञान नहीं हो। कोई पढ़ा-लिखा आ जाए तो हम और आप बात करते हैं कि ये बिहार में नहीं चलेगा।
आज देश में भ्रष्टाचार कहां नहीं है? नेता कहां झूठ नहीं बोल रहे हैं? इसके बावजूद आज बिहार जैसी भयावह स्थिति देश के किसी दूसरे राज्य में नहीं है। उन्होंने बिहार को लेकर कहा कि क्या कोई तमिलनाडु, महाराष्ट्र या फिर केरल जैसे राज्यों से बिहार में आकर मजदूरी कर रहा है? मगर बिहार के लोग जानवरों की तरह ट्रेन में लदकर भेड़-बकरी की तरह मजदूरी करने जा रहे हैं।
नहीं करते नीतीश कुमार फैक्ट्री बनाने की चर्चा
समस्तीपुर के कल्याणपुर में पत्रकारवार्ता के दौरान प्रशांत किशोर ने आगे कहा कि आपने कभी नीतीश कुमार को कोई फैक्ट्री बनाने को लेकर चर्चा करते सुना है? नीतीश कुमार के लिए आज चर्चा का विषय क्या है? उनके लिए आज चर्चा का विषय है कि धरती का नाश होने वाला है। मोबाइल का उपयोग करने से लोग पागल हो रहे हैं। क्या यही नीतीश कुमार का काम है? नीतीश कुमार क्या साइकोलोजिस्ट हैं या मनोवैज्ञानिक हैं?
जलेबी की तरह घुमाते हैं बात
प्रशांत किशोर ने हमले की कड़ी में यह भी कहा कि बिहार की जनता ने जो काम नीतीश कुमार को दिया है वो तो ये कर नहीं रहे। बाकी बेकार की चीजों में इनका ध्यान रहता है। दुनिया कितने दिनों तक रहेगी और कब खत्म हो जाएगी? इस पर बात करते हैं। नीतीश कुमार को अगर ध्यान से देखिएगा तो पता चलेगा कि उनपर उम्र का असर हो गया है। पिछले एक साल की उनकी पुरानी स्पीच उठाकर देख लीजिए आपको पता चल जाएगा कि वो हर बात को जलेबी की तरह घुमाते रहते हैं। बोलना कुछ चाहते हैं बोल कुछ और जाते हैं।