नई दिल्ली: आतंकी संगठन अलकायदा (Al Qaeda) के चीफ अयमान अल जवाहिरी (Ayman al-Zawahiri) की हत्या में एक नया ट्विस्ट आ गया है। कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया जा रहा है कि आईएमएफ (International Monetary Fund) डील के बदले पाकिस्तान ने अलकायदा चीफ की लोकेशन गुप्त तरीके से दी है जिसके बाद अमेरिका ने जवाहिरी का खात्मा कर दिया। बता दें कि अमेरिका की केंद्रीय खुफिया एजेंसी (CIA) ने अफगानिस्तान में ड्रोन हमले में अलकायदा चीफ अल जवाहिरी मार को गिराया है। तालिबान सरकार ने भी इसकी पुष्टि की है। हालांकि साथ ही तालिबान ने अमेरिका के इस एक्शन पर ऐतराज भी जताया है।
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मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, पाकिस्तान ने अलकायदा चीफ के लोकेशन को अमेरिका से साझा किया होगा। इसके पीछे का कारण ये बताया जा रहा है कि आईएमएफ डील के लिए पाकिस्तान ने अमेरिका की मदद की होगी। राजनीतिक अस्थिरता के साथ-साथ, पाकिस्तान इन दिनों पाकिस्तानी मुद्रा में गिरावट, विदेशी मुद्रा भंडार में कमी के साथ बड़े आर्थिक संकट का सामना कर रहा है।
पाकिस्तान के करीबी के घर में रह रहा था जवाहिरी
ये भी कहा गया है कि अलकायदा चीफ जिस घर में रह रहा था, वह तालिबान के गृहमंत्री सिराजुद्दीन हक्कानी के एक करीबी का था। सिराजुद्दीन के करीबी का पाकिस्तान से घनिष्ठ संबंध बताया जा रहा है। जानकारी के मुताबिक, पिछले शुक्रवार को पाकिस्तान सेना प्रमुख जनरल बाजवा ने अमेरिका से पाकिस्तान को आईएमएफ से कर्ज देने में मदद की अपील की थी।
बाजवा की अपील की खबर के बाद पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने भी उनके इस कदम की आलोचना की थी। इमरान खान ने कहा था कि आर्थिक मामलों को देखना सेना प्रमुख का काम नहीं है। उन्होंने यह भी सवाल किया कि अगर अमेरिका पाकिस्तान की मदद करने का फैसला करता है तो क्या अमेरिका बदले में कुछ मांगेगा?
कौन था अल जवाहिरी
19 जून 1951 को मिस्र में जन्मे जवाहिरी ने काहिरा यूनिवर्सिटी में मेडिकल की पढ़ाई की। इसके बाद उसने सर्जरी में स्पेशलाइजेशन किया और 1974 में ग्रैजुएशन पूरा किया। जवाहिरी ने मिस्र की सेना में एक सर्जन के रूप में तीन साल की सेवा की, लेकिन एक नेत्र सर्जन से एक मोस्ट वांटेड वैश्विक आतंकवादी बनने तक की उसकी यात्रा 1986 में लादेन से मिलने के बाद शुरू हुई। इसके बाद वह लादेन का निजी सलाहकार और डॉक्टर बन गया।
1993 में, उसने मिस्र में इस्लामिक जिहाद का नेतृत्व संभाला और 1990 के दशक के मध्य में सरकार को उखाड़ फेंकने और एक शुद्ध इस्लामिक राज्य की स्थापना के अभियान में एक प्रमुख व्यक्ति बन गया। वह 1,200 से अधिक मिस्रियों की हत्या में शामिल पाया गया था। 2001 में अमेरिकी सरकार द्वारा घोषित “मोस्ट वांटेड आतंकवादियों” की सूची में जवाहिरी दूसरे नंबर पर आ गया। 1998 में, जवाहिरी ने अंततः मिस्र के इस्लामिक जिहाद को अल-कायदा में मिला दिया।
रविवार दोपहर जवाहिरी को मार गिराया
साल 2001 में 11 सितंबर को अमेरिका पर हुए हवाई हमलों में जवाहिरी ने अहम भूमिका निभाई थी। इन हमलों में अमेरिका के चार नागरिक विमानों को हाइजैक करके उन्हें न्यू यॉर्क के वर्ल्ड ट्रेड सेंटर के ट्विन टावर, वॉशिंगटन के पास रक्षा मंत्रालय पेंटागन और पेंसिलवेनिया में टकराया गया था। इन हमलों में करीब 3 हजार लोग मारे गए थे।
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खुफिया सूचना मिलने के बाद रविवार दोपहर ही जवाहिरी पर ड्रोन स्ट्राइक की गई थी, जिसमें उसकी मौत हो गई। जवाहिरी ने 2011 में अलकायदा के संस्थापक ओसामा बिन लादेन के मारे जाने के बाद इस आतंकी संगठन की कमान संभाली थी।
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