Onion Prices Hike : टमाटर के बाद अब प्याज लोगों के जायके को बिगाड़ रहा है। हालांकि केंद्र सरकार ने प्याज के दाम को काबू लाने की कवायद तेज कर दी है। सरकार ने प्याज के एक्सपोर्ट पर 31 दिसंबर तक 40 फीसदी ड्यूटी लगा दी है। इससे जहां प्याज के दाम नियंत्रित होने की संभावना है वहीं अक्टूबर में प्याज की नई फसल आने के बाद इसके दाम और कम होने के आसार हैं।
इससे पहले एक रिपोर्ट में आशंका जताया गया थी प्याज की सप्लाई कम होने पर सितंबर के पहले हफ्ते में 60-70 रुपए प्रति किलो तक हो सकती है। इस रिपोर्ट में कहा गया कि बेमौसम बारिश से शेल्फ लाइफ 6 महीने से घटकर 4-5 महीने रह गई है। वहीं अक्टूबर से प्याज की नई फसल आने इसकी आपूर्ति बढ़ जाएगी और कीमतों में नरमी आ सकती है।
कृषि और उपभोक्ता मामले मंत्रालय के मुताबिक 19 अगस्त को प्याज 30 रुपये प्रति किलो रुपये से अधिक थीं, जो पिछले साल की तुलना से 20 फीसदी अधिक था।
दरअसल पिछले जुलाई में महाराष्ट्र और कर्नाटक के प्रमुख उत्पादक राज्यों में बारिश के कारण स्टॉक में रखी हुई प्याज को नुकसान हुआ। एक आंकड़े के अनुसार बारिश के कारण 10 से 20 प्रतिशत प्याज के स्टॉक क्षति हुई।
इस बीच सरकार ने प्याज की बफर स्टॉक सीमा को 3 लाख टन से बढ़ाकर 5 लाख टन करने का फैसला किया है ताकि इसके दाम को नियंत्रण में रखा जा सके। सरकार ने अपने बफर स्टॉक से भी प्याज को मार्केट में रिलीज करना भी शुरू कर दिया है, ताकि प्याज की कीमतों को नियंत्रित रखा जा सके।
वहीं नेफेड और एनसीसीएफ इसकी रिटेल बिक्री भी कर रहे हैं। इसके साथ राष्ट्रीय सहकारी उपभोक्ता संघ खुदरा बाजारों और मोबाइल वैन्स से जगह-जगह सब्सिडियज़्ड रेट पर 25 रुपये प्रति किलो के दर से बेच भी रही है।
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