जिनेवा: मंकीपॉक्स के चलते अब तक कुल 92 देशों में कुल 12 मौत हो चुकीं हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के महानिदेशक डॉ. टेड्रोस एडनॉम घेब्रेयसस के अनुसार अब तक मंकीपॉक्स के कुल 35 हजार से अधिक मामले सामने आ चुके हैं। आगे महानिदेशक बोले पिछले सप्ताह करीब 7500 मामले सामने आए हैं। जो उससे पहले सप्ताह की तुलना में 20 फीसदी अधिक हैं।
More than 35,000 cases of #monkeypox have now been reported to WHO, from 92 countries and territories, with 12 deaths. Almost 7,500 cases were reported last week, a 20% increase over the previous week, which was also 20% more than the week before: WHO DG Dr Tedros Adhanom pic.twitter.com/YtMa0Sm3EF
---विज्ञापन---— ANI (@ANI) August 17, 2022
और पढ़िए – J-K: आंतक के खिलाफ NIA का बड़ा एक्शन, लश्कर आतंकी के घर समेत कई जगहों पर की छापेमारी
महानिदेशक ने कहा की मंकीपॉक्स की रोकथाम के लिए टीका बेहद कारगार है। टीका मंकीपॉक्स के प्रकोप को नियंत्रित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। यहीं वजह है कि कई प्रभावित देशों में टीकों की अधिक मांग है। इससे पहले
नाम बदलने पर राय
WHO ने मंकीपॉक्स का नाम बदलने के लिए लोगों से उनकी राय मांगी थी। विशेषज्ञों ने चेतावनी दी थी कि नाम उन लोगों के लिए कलंक हो सकता है जिनके नाम पर इसका नाम रखा गया था। जबकि वह लोग इसके प्रसार में बहुत कम भूमिका निभाते हैं। हाल ही में ब्राजील में मंकीपॉक्स के डर से लोगों द्वारा बंदरों पर हमला करने के मामले सामने आए हैं।
और पढ़िए – बाबा रामदेव के बयान पर कोर्ट ने कहा यह अन्य देशों से संबंध खराब कर सकता है
वायरस की पहचान 1958 में
मंकीपॉक्स को इसका नाम इसलिए मिला क्योंकि वायरस की पहचान मूल रूप से 1958 में डेनमार्क में अनुसंधान के लिए रखे गए बंदरों में हुई थी। लेकिन यह रोग कई जानवरों में पाया जाता है। अधिकांश यह चूहे, गिलहरी आदि में पाया जाता है। यह रोग पहली बार 1970 में कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य में मनुष्यों में खोजा गया था। तब से यह मनुष्यों में फैल गया था। तब से यह मुख्य रूप से कुछ पश्चिम और मध्य अफ्रीकी देशों तक सीमित है जहां यह स्थानिक है।
और पढ़िए – देश से जुड़ी खबरें यहाँ पढ़ें
Click Here – News 24 APP अभी download करें