Government Guidelines For School Bullying: आजकल के बच्चे आस-पड़ोस में, खेल के मैदान में, स्कूलों में बुलीइंग (Bullying) का शिकार होते हैं। वेट ज्यादा हो तो मोटा कहकर, कम हो तो पतला डंडा कहकर, कद छोटा हो तो बौना कहकर बुली किया जाता है।
कोई सीक्रेट पता चल जाए तो उसके नाम पर चिढ़ाया जाता है। इन कारणों से बच्चे अकसर डिप्रेशन में चले जाते हैं। अगर मजाक उड़ाना ज्यादा हो जाए तो बच्चे सुसाइड तक कर लेते हैं, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा, क्योंकि देश की सरकार सख्त बुलीइंग (Bullying) को लेकर कदम उठाने जा रही है।
🚫 Bullying ain’t cool! Let’s spread kindness and make our schools safe spaces for everyone. 💙 #ChooseKindness #EndBullying” pic.twitter.com/E1LcYfDeOX
---विज्ञापन---— Gram Chetna Kendra (@gck_india) January 19, 2024
मंजूरी मिलते ही लागू कर दी जाएगी
सूत्रों के मुताबिक, देश में अब बुलीइंग (Bullying) क्राइम माना जाएगा। शिक्षा मंत्रालय ने गाइडलाइन तैयार कर ली है, जिस पर राज्य सरकारों से सुझाव मांगे गए हैं। सरकारों से सुझाव मिलने के बाद गाइडलाइन को मंजूरी के लिए PM मोदी के पास भेज दिया जाएगा।
मंजूरी मिलते ही इस गाइडलाइन को जारी कर दिया जाएगा। गाइडलाइन जारी होने के बाद बुलीइंग (Bullying) क्राइम की कैटेगरी में आ जाएगा। इसके बाद स्कूलों में बच्चों को चिढ़ाना बैन हो जाएगा। बुलीइंग (Bullying) के लिए गाइडलाइन राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग के सहयोग से बनाई गई है।
Durga’s youth engagements, known as ‘Voice’ create a safe, democratic & non judgemental space for youth where individuals can address issues in their immediate surroundings such as bullying, ragging, sexual
harassment etc.Do you have #VoiceinCampus?#durgaindiaofficial pic.twitter.com/Qnm8yD428m
— Durga India (@DurgaIndia1) January 18, 2024
शिकायत करने के तरीके क्या होंगे?
- ई-बाल निदान पोर्टल, पॉक्सो ई-बॉक्स, नेशनल साइबर क्राइम पोर्टल पर शिकायत कर सकते हैं।
- 1098 नंबर पर कॉल करके शिकायत कर सकते हैं। स्कूल मैनेजमेंट को लिखित शिकायत दे सकते हैं।
- सूत्रों के मुताबिक, नई गाइडलाइन के अनुसार, स्कूलों को एंटी बुलीइंग कमेंट बनानी होगी।
बुलीइंग के केस में कैसे कार्रवाई होगी?
- एंटी बुलीइंग कमेटी सीधे जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड और चाइल्ड वेलफेयर कमेटी को जवाबदेह होगी।
- कमेटी के पास जो मामला आएगा, उसके बारे में सीधे दोनों की जानकारी में डालेगी।
- मामले की जांच करके पीड़ित और आरोपी की काउंसिलिंग की जाएगी।
- गंभीर मामलों में IT एक्ट के तहत कार्रवाई होगी।
- यौन शोषण संबंधी केसों में पॉक्सो एक्ट के तहत कार्रवाई होगी।