उत्तर प्रदेश में गंगा एक्सप्रेसवे और यमुना एक्सप्रेसवे के बनने से पूरे राज्य को फायदा मिलने वाला है ये दोनों अब सीधे एक-दूसरे से जुड़ने वाले हैं। इससे न सिर्फ यात्रा करने लोगों को ही फायदा नहीं मिलने वाला है, ब्लकि औद्योगिक विकास को भी बढ़ावा मिलेगा। यीडा (YEIDA) और यूपीडा (UPEDA) ने मिलकर इस एक्सप्रेसवे का रूट लगभग तय कर लिया है। साथ ही ये भी कहा जा रहा है कि जल्द ही इसे ऑफिशियल मंजूरी मिलने की उम्मीद है।
सरकार ने लिया ये फैसला
राज्य सरकार ने इस एक्सप्रेसवे को 6 लेन और 120 मीटर चौड़ा बनाने का फैसला लिया है। ये लिंक रोड लगभग 74 किलोमीटर लंबा होगा और इसके निर्माण पर लगभग 4000 करोड़ रुपए के बजट का अनुमान लगाया है। जानकारी के अनुसार ये एक्सप्रेसवे यमुना एक्सप्रेसवे के 24.8 किलोमीटर माइलस्टोन से शुरू होकर गंगा एक्सप्रेसवे के 44 किलोमीटर माइलस्टोन तक पहुंचेगा।
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सफर का समय होगा कम
गंगा और यमुना एक्सप्रेसवे के जुड़ने से मेरठ से प्रयागराज तक का सफर अब डेढ़ घंटे से भी ज्यादा कम हो जाएगा। वहीं, दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे से भी बेहतर कनेक्टिविटी मिलेगी, जिससे पूरे राज्य में सफर करने का समय कम होगा।
इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट में फायदा
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, इस नए लिंक एक्सप्रेसवे के किनारे बुलंदशहर के पास एक मेगा इंडस्ट्रियल कॉरिडोर भी बनाया जाएगा। इससे नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट से जुड़ाव और भी मजबूत होगा और पश्चिमी यूपी के 22 जिलों को इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट में भी फायदा मिलेगा।
रोजगार के अवसर
इसके अलावा इस परियोजना से यूपी न केवल रोड नेटवर्क में देश के लीडिंग राज्यों में शामिल होगा, बल्कि राज्य को एक नए इंडस्ट्रियल और आर्थिक केंद्र के रूप में स्थापित करने में भी मदद मिल सकगी। निवेशकों के लिए राज्य को और ज्यादा आकर्षक बनाया जाएगा, जिससे लोगों को रोजगार के नए अवसर भी मिल सकेंगें।
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