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क्या है SIM Swap Fraud? तीन मिस्ड कॉल और बैंक अकाउंट खाली, देखें कैसे करें बचाव

आजकल एक नया स्कैम तेजी से फैल रहा है, जिसे सिम स्वैपिंग कहा जा रहा है। इसमें स्कैमर्स डुप्लीकेट सिम बना कर बैंक अकाउंट खाली कर रहे हैं।

Edited By : Sameer Saini | Updated: Oct 29, 2023 09:07
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SIM Swap Fraud

SIM Swap Fraud: ऑनलाइन स्कैम के मामले आये दिन बढ़ते जा रहे हैं। आपने OTP शेयर करके या किसी एप्लीकेशन के जरिए स्कैम तो सुना ही होगा लेकिन इन दिनों स्कैमर्स सिम स्वैप तकनीक का यूज करके बैंक अकाउंट खाली कर रहे हैं। जी हां, इस महीने की शुरुआत में, उत्तरी दिल्ली स्थित एक वकील राष्ट्रीय राजधानी में ‘सिम स्वैप स्कैम’ का शिकार हो गई, जब उसे अज्ञात नंबरों से तीन मिस्ड कॉल प्राप्त हुईं और इसके बाद उसके बैंक खाते से सारे पैसे कुछ ही मिनटों में गायब हो गए।

ऐसी ही एक घटना फरवरी में भी देखने को मिली थी जब एक निजी स्कूल के शिक्षक ने तीन घंटे से भी कम समय में आठ ट्रांजेक्शन में लगभग 1.5 लाख रुपये गंवा दिए, स्कैमर्स ने इसी स्कैम तकनीक से शख्स के दोनों बैंक खातों पर कंट्रोल कर लिया। शिक्षक ने बताया कि उसने किसी के साथ कोई कॉल, टेक्स्ट या बैंक ओटीपी शेयर नहीं किया था। उन्हें भी केवल मिस्ड कॉल प्राप्त हुईं और बाद में उनके अकाउंट से पैसे कट गए।

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दिल्ली पुलिस के अनुसार, इन सभी मामलों से पता चलता है कि पीड़ित लोगों को पहले तो स्कैमर्स से कई मिस्ड कॉल प्राप्त होते हैं इसके बाद अकाउंट से पैसे कट जाते हैं, अब बहुत से लोग ये जानना चाहते है कि इस स्कैम का मिस्ड कॉल से क्या कनेक्शन है? इससे सिम स्वैपिंग कैसे होती है? और आप इस स्कैम से खुद को कैसे बचा सकते हैं। चलिए आज इसी के बारे में विस्तार से जानते हैं।

सिम स्वैपिंग क्या है?

सिम स्वैपिंग जैसे इसके नाम से ही साफ पता चल रहा है। ये वह प्रोसेस है जिसके जरिए स्कैमर्स आपके सिम कार्ड का डुप्लीकेट सिम बना लेते हैं और उस पर अपना पूरा कंट्रोल बना लेते हैं। आसान शब्दों में कहें तो सबसे पहले आपकी डिजिटल आइडेंटिटी को चुरा लिया जाता है। डिजिटल आइडेंटिटी हाथ लगने के बाद स्कैमर सबसे पहले आपके दोस्तों और परिवार तक पहुंच बनाता है और फिर उन्हें अपने जाल में फसाने की कोशिश करता है। इस जरिए स्कैमर ऑनलाइन बैंकिंग और सोशल मीडिया समेत सभी प्रोफाइल पर पूरी तरह से कंट्रोल कर लेता है।

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यह भी पढ़ेंः Whatsapp पर एक मैसेज एक साथ 1000 से अधिक लोगों को कैसे भेजें?

सिम स्वैप स्कैम में जालसाज सबसे पहले फिशिंग या विशिंग की मदद से पर्सनल डिटेल्स जैसे फोन नंबर, बैंक अकाउंट डिटेल्स का पता लगा लेते हैं। फिशिंग एक ऐसी तकनीक है जिसमें स्कैमर पीड़ितों को मेल या मैसेज के माध्यम से मैलवेयर लिंक भेजते हैं। एक बार लिंक खुलने पर मैलवेयर पीड़ित की सारी पर्सनल डिटेल्स चुरा लेता है।

एक पुलिस अधिकारी ने मीडिया को बताया कि स्कैमर्स आम तौर पर टेलीकॉम कंपनी के साथ काम करने वाले सहयोगी होते हैं। इसलिए, वे मैलवेयर या फिशिंग अटैक के बाद प्राप्त डिटेल्स के साथ आसानी से सिम की नकल बना लेते हैं। एक बार जब उनके पास डुप्लिकेट सिम हो, तो वे आसानी से कोई भी बैंक का मैसेज या ओटीपी आसानी से प्राप्त कर सकते हैं।

बार बार क्यों आते हैं मिस्ड कॉल?

अन्य स्कैम्स के विपरीत, जहां स्कैमर्स लोगों को फोन कॉल पर ओटीपी और निजी जानकारी देने के लिए बरगलाते हैं, वहीं सिम स्वैप स्कैम में पीड़ितों के साथ सीधे कम्युनिकेशन की जरूरत नहीं होती है। हालांकि, इस स्कैम में स्कैमर्स बार बार पीड़ितों को मिस्ड कॉल देते हैं ताकि वे परेशान होकर अपना फोन छोड़ दें और नेटवर्क कनेक्टिविटी डाउन हो गई है इसे नजरअंदाज कर दे। इसी के बाद सिम स्वैप किया जाता है।

इस स्कैम से कैसे बचाएं खुद को?

कुछ स्टेप्स को फॉलो करके आप इस स्कैम से बच सकते हैं:

  • सबसे पहले किसी भी अनजान लिंक पर क्लिक न करें।
  • ऐसे मैसेज को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए या कई मिस्ड कॉल प्राप्त होने के बाद अपना फोन स्विच ऑफ न करें।
  • अगर फोन पर ऐसी कोई गतिविधि होती है तो तुरंत मोबाइल ऑपरेटर से इसके बारे में पूछताछ करें।
  • बैंक अकाउंट का पासवर्ड समय समय पर बदलते रहें।
  • बैंकिंग ट्रांजेक्शन के लिए एसएमएस के साथ-साथ आपको ई-मेल अलर्ट को भी ऑन रखें।

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Written By

Sameer Saini

First published on: Oct 29, 2023 08:50 AM

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