OpenAI Provenance Classifier Tool: OpenAI ने नवंबर 2022 में जब से ChatGPT को पेश किया है तब से कंपनी लगातार सुर्खियों में बनी हुई है। प्लेटफार्म को और भी बेहतर करने के लिए कंपनी कड़ी मेहनत कर रही है। वहीं अमेरिका और भारत के लिए साल 2024 काफी खास है क्योंकि दोनों देशों में चुनाव होने वाले हैं। ऐसे में प्लेटफार्म का गलत इस्तेमाल न हो इसके लिए हाल ही में कंपनी ने कई बड़े कदम उठाए हैं। साथ ही कंपनी एक Provenance Classifier Tool पेश करने की भी तैयारी कर रही है। आइये इसके बारे में विस्तार से जानते हैं
रियल टाइम में मिलेंगे इलेक्शन के अपडेट
ऐसा कहा जा रहा है कि कंपनी इन चुनावों से पहले एक ऐसा सिस्टम तैयार कर रही है जिसके जरिए यूजर्स को रियल टाइम में चुनाव से जुड़े अपडेट मिलेंगे। हालांकि OpenAI ने इस दौरान एक अमेरिकी राजनेता की नकल करने वाले बॉट के डेवलपर पर बैन लगा दिया है। मीडिया कि एक रिपोर्ट के मुताबिक ओपनएआई ने स्टार्ट-अप डेल्फ़ी के अकाउंट को बैन कर दिया है, जिसने dean.bot तैयार किया था, जो एक वेबसाइट के जरिए से रियल टाइम में वोटर्स से बात कर सकता है।
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AI के यूज पर पहला बैन!
यह पहला ऐसा उदाहरण है जहां ओपनएआई ने पॉलिटिकल काम्पैग्न्स में एआई के यूज को बैन किया है। वहीं इस मामले पर कंपनी का कहना है कि जो कोई भी कंपनी द्वारा उपलब्ध कराए गए टूल से बॉट तैयार करता है, उसे इसकी यूसेज पॉलिसी का पालन करना होगा।
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DALL-E यूजर्स के लिए भी की घोषणा
ChatGPT मेकर ने पहले भी इसको लेकर कहा था कि वह किसी भी टूल के दुरुपयोग पर सबसे पहले एक्शन लेगा और जल्द से जल्द इसे प्लेटफार्म से हटाएगा। कंपनी ने सिर्फ चैट करने वाले चैटबॉट्स ही नहीं बल्कि DALL-E यूजर्स के लिए भी बैन की घोषणा की है।
आ रहा एक नया Tool!
वहीं इससे बचने के लिए कंपनी एक Provenance Classifier Tool ला रही है, जो DALL-E द्वारा तैयार की गई तस्वीरों को पता लगाने में मदद करेगा। OpenAI इसे जल्द ही Journalist और Researchers सहित कुछ चुनिंदा यूजर्स के फीडबैक के लिए उपलब्ध कराने का प्लान बना रहा है। अब सवाल यह है कि ये काम कैसे करेगा? तो बता दें कुछ रिपोर्ट्स में दावा किया जा रहा है कि इसके लिए आपको ऐसी किसी फोटो को टूल में डालना होगा जिसके बाद वह इसे स्कैन करके रिजल्ट्स से मैच करेगा। साथ ही फोटो के बारे में भी बताएगा। यह टूल फेक फोटोज का पता लगाने में काफी मददगार साबित हो सकता है।
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