Apple iPhone Manufacturing Cost India vs USA: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने आईफोन निर्माता कंपनी एप्पल को धमकी दी कि अगर वो अमेरिका में आईफोन का निर्माण नहीं करेंगे तो एप्पल उत्पादों पर 25% टैरिफ लगाया जाएगा। इससे पहले कंपनी को अमेरिकी राष्ट्रपति ने भारत समेत अन्य देशों में आईफोन के निर्माण पर रोक लगाने की धमकी दी थी। साथ ही कहा गया था कि आईफोन का निर्माण सिर्फ अमेरिका में ही किया जाना चाहिए।
वहीं, ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनिशिएटिव (GTRI) की एक रिपोर्ट के अनुसार अगर अमेरिकी राष्ट्रपति द्वारा भारत में निर्मित आईफोन पर 25% टैरिफ लगाया गया तो उसके बाद भी कुल उत्पादन लागत अमेरिका में उपकरणों के निर्माण की तुलना में बहुत कम होगी। इसका मतलब हुआ कि 25% टैरिफ के बाद भी भारत में निर्मित आईफोन अमेरिका के लोगों के लिए सस्ते होंगे।
GTRI की रिपोर्ट में इस बात से खारिज किया गया है कि 25% टैरिफ लगने से भारत में उत्पादन की लागत बढ़ेगी। iPhone के उत्पादन मूल्य को देखते हुए रिपोर्ट में बताया गया कि 1,000 डॉलर मूल्य के iPhone में विभिन्न देशों का योगदान होता है और उनमें से सबसे बड़ा हिस्सा एप्पल के पास रहता है। दरअसल, कंपनी द्वारा ब्रांड, सॉफ्टवेयर और डिजाइन से ही करीब 450 डॉलर मूल्य रखा जाता है। एक आईफोन को बनाने के लिए सिर्फ एप्पल नहीं बल्कि अलग-अलग देश की भागीदारी होती है। सॉफ्टवेयर से लेकर डिजाइन तक के लिए कई देशों का हिस्सा शामिल होता है।
- जापान (कैमरा सिस्टम)- 85 डॉलर
- ताइवान (चिप निर्माण)- 150 डॉलर
- दक्षिण कोरिया (OLED स्क्रीन व मेमोरी चिप्स)- 90 डॉलर
- जर्मनी, वियतनाम, मलेशिया (छोटे पुर्जे)- 45 डॉलर
- चीन और भारत (असेंबली कार्य)- 30 डॉलर
- अमेरिकी कंपनियां (Qualcomm, Broadcom)- 80 डॉलर
GTRI की रिपोर्ट के अनुसार भारत और चीन में iPhone असेंबल होते हैं तो इन देश को एप्पल द्वारा प्रति डिवाइस सिर्फ 30 डॉलर मिलते हैं, जो iPhone के टोटल रिटेल प्राइस के 3 प्रतिशत से भी कम है।
अमेरिका की तुलना में मेड इन इंडिया आईफोन कैसे सस्ता?
GTRI की रिपोर्ट के मुताबिक 25% टैरिफ लागू हो जाने के बाद भी मेड इन इंडिया आईफोन, अमेरिका की तुलना में अधिक किफायती हो सकता है। इसकी मुख्य वजह अमेरिका और भारत में आईफोन निर्माण के लिए मजदूरी दर का अंतर है। भारत में आईफोन निर्माण के लिए असेंबल वर्कर को प्रति माह 230 डॉलर (करीब 20 हजार रुपये) मजदूरी मिलती है। जबकि, अमेरिका में मजदूरी अधिक है। कैलिफोर्निया जैसे राज्यों में आईफोन असेंबल वर्कर्स को 2,900 डॉलर (करीब 2.46 लाख) प्रति माह तक मजदूरी देनी होती है।
Apple के लिए भारत में प्रोडक्शन करना कैसे फायदेमंद?
भारत सरकार द्वारा और आयात को कम करने के लिए शुरू की गई एक योजना है। इसका उत्पादन-संबंधी प्रोत्साहन (Production-Linked Incentive) की शुरुआत की गई थी। PLI योजना के तहत एप्पल को आर्थिक मदद मिलती है और उसके लिए लागत भी कम हो जाती है। वहीं, अगर एप्पल द्वारा अमेरिका में आईफोन की मैन्युफैक्चरिंग को शिफ्ट किया गया तो कंपनी को प्रति iPhone का मुनाफा 450 डॉलर (करीब 38,250) से घटकर सिर्फ 60 डॉलर (5100) तक होगा। अगर मुनाफा चाहिए होगा तो एप्पल को आईफोन के रिटेल कीमतों में बढ़ोतरी करनी पड़ सकती है। हालांकि, जब तक रेट नहीं बढ़ते हैं तब तक कंपनी के लिए आईफोन की मैन्युफैक्चरिंग अमेरिका में महंगी ही रहेगी।
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