New AI Model: क्या आप जानते हैं इस वक्त AI उस लेवल पर पहुंच गया जिसकी शायद कुछ साल पहले कल्पना करना भी मुश्किल था। जी हां, OpenAI के ChatGPT से लेकर Elon Musk के Grok 3 AI मॉडल ने इस गेम को पूरी तरह बदल दिया है। वहीं अब हेल्थ सेक्टर में भी AI धूम मचा रहा है क्योंकि जल्द ही आपकी असली उम्र सिर्फ Birth Certificate पर दर्ज सालों से नहीं, बल्कि शरीर की एक्चुअल बायोलॉजिकल सिचुएशन से मापी जाएगी। दरअसल इसके लिए जापान के ओसाका विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों ने एक नया AI मॉडल बनाया है, जो किसी शख्स की Biological Age का सही अनुमान लगा सकता है। खास बात यह है कि इस प्रोसेस में सिर्फ 5 बूंद खून की जरूरत होगी। चलिए इसके बारे में जानते हैं…
पहले समझिए कैसे करता है काम?
यह AI-Based सिस्टम शरीर में मौजूद 22 स्टेरॉयड हार्मोन और उनकी इंटरेक्शन्स का एनालिसिस करता है। ये हार्मोन मेटाबोलिज्म, इम्यून सिस्टम और स्ट्रेस मैनेजमेंट में खास भूमिका निभाते हैं। AI मॉडल हार्मोनल बैलेंस की स्टडी करके यह अनुमान लगा सकता है कि शरीर कितनी तेजी से बूढ़ा हो रहा है।
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इस खास AI मॉडल के फायदे?
कहा जा रहा है कि इस टेक्नोलॉजी से उम्र से जुड़ी बीमारियों के खतरे का पहले से पता लगाया जा सकता है, जिससे टाइम रहते सावधानी बरती जा सकेगी। यही नहीं ये टेक्नोलॉजी डॉक्टरों को इंडिविजुअल हेल्थ प्लान्स बनाने में भी मदद कर सकती है। इसके अलावा AI मॉडल रेगुलर चेकअप से लोग अपनी बायोलॉजिकल एज को ट्रैक कर सकेंगे। वहीं अगर जरूरी हो तो आप अपने लाइफस्टाइल में भी बदलाव कर सकेंगे। वैज्ञानिकों का ऐसा भी मानना है कि इस मॉडल से उम्र बढ़ने के प्रोसेस को स्लो करने के नए तरीके खोजे जा सकेंगे।
टाइम से पहले बूढ़ा कर सकता है स्ट्रेस
बता दें कि इस स्टडी में कॉर्टिसोल नाम के स्ट्रेस-रिलेटेड हार्मोन पर खास ध्यान दिया गया। रिसर्च में बताया गया है कि अगर कॉर्टिसोल का लेवल बढ़ जाए, तो उम्र 1.5 गुना तेजी से बढ़ सकती है। आसान शब्दों में कहें तो लंबे टाइम तक स्ट्रेस में रहना, शरीर को टाइम से पहले बूढ़ा कर सकता है।