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Explainer: भारत-मालदीव विवाद के बीच कूदे ड्रैगन ने दिए बड़े संकेत, मोइज्जू की चीन यात्रा से हासिल?

India Maldives Row China calls India threat to sovereignty: भारत-मालदीव विवाद के बीच चीन ने कहा है कि वह मालदीव के आंतरिक मामलों में किसी दूसरे देश के हस्‍तक्षेप के खिलाफ है।

Edited By : Shubham Singh | Updated: Jan 12, 2024 13:16
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India Maldives Row China
भारत मालदीव विवाद पर चीन

Maldives President Mohammed Muizzu meets Chinese President Xi Jinping: भारत से संबंध खराब होने के बाद मालदीव की चीन पर निर्भरता इस हद तक बढ़ गई है कि वह इसके लिए किसी भी हद तक जा सकता है। मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मोइज्जू ने चीन का 5 दिन का दौरा किया जिसके बाद चीन ने मालदीव में बाहरी हस्तक्षेप के विरोध की बात कही है। चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग और मोइज्जू की मुलाकात में 20 से ज्यादा समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए।

मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू के दौरे के बाद चीन ने बयान जारी करके कहा कि, वह मालदीव की संप्रभुता और स्वतंत्रता को बनाए रखने में पूरा सहयोग करेगा। भारत से मालदीव के संबंध खराब होने के बाद से चीन की सक्रियता बहुत बढ़ गई है। मोइज्जू पहले ही कह चुके हैं कि भारत का प्रभाव उनके देश की संप्रभुता के लिए खतरा है। चीन ने भी साफ कर दिया है कि अगर कोई मालदीव की संप्रभुता (अंदरूनी मामलों में हस्तक्षेप) को नुकसान पहुंचाएगा तो वह इसका विरोध करेगा।

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चीन के बयानों से साफ है कि वह मालदीव से भारत के खराब हुए रिश्तों का इस्तेमाल अपने पक्ष में करना चाहता है। चीन को भी पता है कि भू राजनीति में मालदीव का महत्व कोई बहुत ज्यादा नहीं है और न ही उसे उससे कोई बड़ा लाभ होने वाला है। मालदीव उसे सैनिक बेस बनाने के लिए अपना कोई द्वीप भी नहीं देने वाला है। ऐसे में देखना है कि चीन और भारत दोनों तरफ से हार चुके मालदीव को कुछ हासिल भी होता है या नहीं।

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मालदीव पर कल्चरल प्रभाव

मालदीव-भारत के खराब रिश्ते चीन के लिए अच्छी बात है। हालांकि मालदीव से चीन को भी कुछ खास हासिल नहीं हुआ है। न तो चीन ने उसके लिए किसी बड़े लोन या प्रोजेक्ट का ऐलान किया है। बता दें कि भारत का पड़ोसी होने के नाते मालदीव पर उसकी सभ्यता का प्रभाव देखने को मिलता है। रिपोर्ट्स के मुताबिक मालदीव में 28 हजार के करीब भारतीयों की आबादी है। यह बहुत बड़ी संख्या है क्योंकि मालदीव की कुल जनसंख्या ही 5 लाख के करीब है। वहां के 25 प्रतिशत शिक्षक भी भारतीय ही हैं। कई भारतीय प्रोफेशनल्स वहां काम करते हैं।

पर्यटन पर निर्भर है इकोनॉमी

भारत और मालदीव के रिश्ते तब खराब हुए जब पीएम मोदी ने लक्षद्वीप दौरे के बाद तस्वीरें पोस्ट कीं जिसपर मालदीव के नेताओं ने आपत्तिजनक प्रतिक्रिया दी। मालदीव को अब यह डर सताने लगा है कि भारत से जो 2 लाख से ज्यादा पर्यटक घूमने आते थे उनकी संख्या अब कम हो जाएगी। इससे उसके पर्यटन उद्योग को काफी नुकसान होगा। यही वजह है कि अब मालदीव चीन के सामने ज्यादा पर्यटक भेजने के लिए गिड़गिड़ा रहा है। मालदीव की अर्थव्यवस्था का मुख्य स्तंभ पर्यटन उद्योग और मछली पकड़ना है।

गोल्बल टाइम्स ने भी की टिप्पणी

मोइज्जू के राष्ट्रपति बनने से पहले भारत और मालदीव के रिश्ते एक सहयोगी और दोस्त के रहे हैं, लेकिन अब इनमें काफी कड़वाहट आ गई है। उनके चीन यात्रा की भी इस समय खूब चर्चा है। चीनी मीडिया उनकी यात्रा को करवेज दे रहा है। वहां के सरकारी मीडिया ग्लोबल टाइम्स ने भी इसपर टिप्पणी की है। बता दें कि मालदीव से संबंध खराब होने का असर भारत पर कुछ खास नहीं पड़ेगा। लेकिन मालदीव को इससे बड़ा नुकसान हो सकता है। मालदीव की चीन के साथ नजदीकी बढ़ाने की कोशिश से भी इस बात का पता चलता है कि मालदीव किस हद तक भारत पर निर्भर था और अब उसे किस बात की चिंता सता रही है।

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Written By

Shubham Singh

First published on: Jan 12, 2024 01:15 PM

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