Chhattisgarh Assembly Election Result 2023: छत्तीसगढ़ में भाजपा की सरकार बनने से साथ ही नक्सलियों पर मौत के खतरे की घंटी बज चुकी है, क्योंकि गृह मंत्री अमित शाह और आंतरिक सुरक्षा एजेंसियां राज्य के बस्तर जिले में माओवादियों को खत्म करने के लिए प्रतिबद्ध है। नक्सल प्रभावित बस्तर जिले में भाजपा ने कुल 12 सीटों में से नौ सीटें जीतकर जोरदार वापसी की। वहीं, नौ सीटों पर आगे चल रही है।
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ऐसा माना जा रहा है कि ओबीसी राजनीति पर कांग्रेस का अत्यधिक जोर, ‘जल-जंगल-जमीन’ जैसे आदिवासी मुद्दों की अनदेखी और आरक्षण जैसे अन्य मुद्दों ने बस्तर और सरगुजा क्षेत्र के आदिवासी बेल्ट में कांग्रेस की हार का बड़ा कारण रहा। वहीं, सरगुजा क्षेत्र में, भाजपा अब तक सभी 14 निर्वाचन क्षेत्रों में आगे चल रही है। इससे पहले भाजपा ने छत्तीसगढ़ में कई नक्सल विरोधी अभियान चलाकर उनके खिलाफ बड़ी कार्रवाई की थी। वहीं, अब प्रदेश में बीजेपी की वापसी से उनके खिलाफ अभियान तेज हो जाएगा।
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क्यों हारी कांग्रेस?
वहीं, कांग्रेस की हार के लिए आंतरिक कलह को जिम्मेदार ठहराया जा रहा है, जिसमें कुछ निर्वाचन क्षेत्रों में नेताओं द्वारा जोड़-तोड़ करने का आरोप भी लगाया गया है। इसके अलावा, भ्रष्टाचार के खिलाफ भाजपा के अभियान, कोयला घोटाला, शराब घोटाला, डीएमएफ फंड घोटाला, महादेव बुक ऐप, चावल घोटाला और पीएससी भर्ती घोटाले ने भी पार्टी की छवि को खराब किया है।
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इस दौरान कांग्रेस सरकार को त्रुटिपूर्ण पीएससी भर्ती के लिए आलोचना का सामना करना पड़ा, जिसके कारण छत्तीसगढ़ के युवाओं ने विरोध प्रदर्शन भी किया था। इसके अलावा, दलित युवाओं ने फर्जी जाति प्रमाण पत्र के साथ सरकारी नौकरियां हासिल करने वाले व्यक्तियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग करते हुए विधानसभा में प्रदर्शन किया था। वहीं, ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं ने शराबबंदी के 2018 के वादे से मुकरने के लिए कांग्रेस के खिलाफ मतदान किया।
आंतरिक कलह
दरअसल, कांग्रेस के भीतर आंतरिक मतभेद जैसे, टीएस सिंहदेव और सीएम भूपेश बघेल के बीच सार्वजनिक सत्ता संघर्ष ने पार्टी के भीतर संकट पैदा कर दिया। वहीं, पीएम नरेंद्र मोदी की रैलियों के दौरान भ्रष्टाचार को लेकर भूपेश बघेल पर लगातार हमले से भाजपा की रणनीति ने माहौल को उसके पक्ष में मोड़ दिया।