The Traitors: करण जौहर के शो ‘द ट्रेटर्स’ के फिनाले एपिसोड में बस एक ही दिन बाकी है। 7 कंटेस्टेंट्स में से कोई एक ही शो में बाजी मरेगा। फिलहाल, अपूर्वा मखीजा, उर्फी जावेद, जैस्मिन भसीन, सुधांशु पांडे, निकिता लुथर, पूरव झा और हर्ष गुजराल इस शो में बने हुए हैं। अब अपूर्वा मखीजा या हर्ष गुजराल में से किसी एक का सफर खत्म होने वाला है। हालांकि, हैरानी तो इस बात की है कि इन सब लोगों के बीच सुधांशु पांडे कैसे फिनाले तक आ गए? उन्होंने पूरे शो में कुछ भी नहीं किया है। सुधांशु पांडे का गेम सबसे ठंडा है।
सुधांशु पांडे का गेम हिट या फ्लॉप?
सुधांशु पांडे 9 एपिसोड्स में सिर्फ लोगों को अपनी परफॉरमेंस से निराश करते हुए ही नजर आए हैं। उन्होंने ना तो कभी किसी ट्रेटर को पकड़ा और ना ही कभी किसी टास्क में कोई खास कमाल किया। सुधांशु पांडे इस शो में बीएस भीड़ का हिस्सा बनकर रह गए। इसके बावजूद वो फिनाले तक पहुंचे गए हैं। उन्होंने कोई तो ऐसी स्ट्रेटेजी लगाई होगी कि शातिर प्लेयर्स बाहर हैं और वो अभी भी शो के अंदर हैं। उन्होंने क्या स्ट्रेटेजी लगाई है? चलिए जानते हैं।
सुधांशु पांडे की शो में क्या थी स्ट्रेटेजी?
आपको बता दें, भले ही देखने में ऐसा लग रहा है कि सुधांशु पांडे शो में कुछ भी नहीं कर आहे हैं, लेकिन हो सकता है कि ये उनकी चाल हो। दरअसल, वो शो में एक ट्रिक के साथ आगे बढे हैं। वो ना तो ट्रेटर्स के खिलाफ आवाज उठाते हैं और ना ही किसी पर आरोप लगाते हैं। ऐसा करके वो ना तो ट्रेटर्स को नाराज करते हैं और ना ही इनोसेंट प्लेयर्स की नजर में आते हैं। ऐसे में ना तो ट्रेटर्स उनका मर्डर करते हैं और ना ही इनोसेंट उन्हें टेबल ऑफ शक में ग्रिल करते हैं। सुधांशु पांडे अपनी इसी स्ट्रेटेजी के साथ आखिर तक पहुंच गए हैं।
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ट्रेटर्स में ऐड़ा बनकर पेड़ा खा रहे थे सुधांशु?
सुधांशु पांडे ने पूरे शो में बैक फुट पर ही गेम खेला है। उन्होंने लोगों को अपने दो नाम तो दिए, ताकि कोई भी उन पर शक ना कर पाए। हालांकि, टेबल ऑफ शक में कभी भी उन दो नामों को लेकर लोगों को कन्विंस करने की कोशिश नहीं की। ये उनका गेम प्लान ही था कि उन्होंने ट्रेटर्स और इनोसेंट सबका ही भरोसा कमा लिया। सुधांशु पांडे करण जौहर के शो ‘द ट्रेटर्स’ में ऐड़ा बनकर पेड़ा खाते रहे। उनकी ये स्कीम उनके काम आ गई।