Shammi Kapoor: बॉलीवुड एक्टर शम्मी कपूर ने ‘प्यार किया तो डरना क्या’, ‘कश्मीर की कली’, ‘जानवर’, ‘तीसरी मंजिल’ जैसी तमाम फिल्मों में काम किया। उन्होंने अपने अनोखे अंदाज से सबका दिल जीता।
आज भी लोग उनके स्टाइल की कॉपी करने की कोशिश करते हैं। उनकी तरह थिरकने की कोशिश करते हैं, लेकिन एकाध ही उन्हें खुद में उतार पाते हैं।
एक दिन में 100 सिगरेट पी जाते थे शम्मी कपूर
पर्दे पर शम्मी कपूर जितने खुशमिजाज दिखाई देते थे, वो उतने ही निजी जिंदगी में गुस्सैल किस्म के थे। उन्हें भी बाकी कपूर की ही तरह ड्रिंक करने का भी बेहद शौक था। इतना ही नहीं वो दिन में 100-100 सिगरेट भी पीते थे, लेकिन उनकी लाइफ में एक शख्स की ऐसी एंट्री हुई कि उसने एक्टर की पूरी लाइफ बदल दी।
कई चीजों को हैंडल नहीं कर पाते थे शम्मी- नीला
शम्मी कपूर की पत्नी नीला देवी ने एक वीडियो इंटरव्यू में खुलासा किया है और उस इंसान का नाम बताया है। एक इंटरव्यू के दौरान नीला देवी ने बताया कि हां वो जल्दी गुस्सा हो जाते थे। वो कई चीजों को हैंडल नहीं कर पाते थे और झल्ला जाते थे।
खुद में बदलाव करते थे- नीला
अगर पार्टी में उनके पैर की उंगली किसी के द्वारा गलती से दब जाती थी तो वो भड़क जाते थे। जबकि इस दौरान ये सब होना आम बात होती है। उन दिनों वो काफी शराब पीया करते थे, लेकिन अगले ही दिन वो मुझसे पूछते थे कि क्या-क्या हुआ था और उसे जानने के बाद वो खुद में बदलाव करते थे।
जब पीने पर आते तो किसी की नहीं सुनते थे- नीला देवी
नीला देवी से पूछा गया कि क्या उन्होंने कभी शम्मी कपूर को पीने से रोका नहीं? इस पर वह जवाब देती हैं कि ‘वो जब शराब और सिगरेट पीने पर आते तो किसी की नहीं सुनते थे। ऐसा वो अपने आप से तभी करते थे जब कोई खास दिन होता था।
1 जनवरी से 21 जनवरी तक कभी शराब नहीं पी
हर साल की तरह उन्होंने 1 जनवरी से 21 जनवरी तक कभी शराब नहीं पी। क्योंकि गीता बाली जो कि उनकी पहली पत्नी थीं, वो 1 जनवरी को बीमार हुईं और 21 को उनका निधन हो गया था। इसके बाद उन्होंने शराब को हाथ लगाना बहुत कम कर दिया था। वह रोजाना नहीं पीते थे बल्कि कभी-कभार पीते थे।
हैदाखान वाले बाबा
इसके आगे नीला बताती हैं कि ‘जब मेरे सास-ससुर गुजर गए तो शम्मी जी मॉरिशस चले गए और वहां उन्हें हमारे गुरुजी मिले। उनका नाम हैदाखान वाले बाबा है। मैं उनको मानने लगी, उन्हें कुछ लोग भोले बाबा के नाम से भी जानते हैं।
बेटे आदित्य ने गुरुजी के आश्रम में शादी की
शम्मी जी ने इनसे पहले किसी और बाबा में भरोसा नहीं किया था। लेकिन वो उन पर भरोसा करने लगे। इन्होंने हमारी लाइफ बदल दी। यहां तक कि मेरे बेटे आदित्य ने भी गुरुजी के आश्रम में शादी की थी। जहां न तो लाइट थी और कोई सुविधा।
कोई सुविधा नहीं थी
तापमान भी माइनस में था, लेकिन परिवार के सभी लोग शामिल हुए थे। नीला देवी ने बताया कि गुरुजी जी ने कभी शम्मी जी पर कुछ थोपा नहीं। फिर भी उन्होंने गुरुजी के साथ यात्राओं पर जाना शुरू किया। वह जहां भी जाते शम्मी जी उनके साथ जाते थे। माथे पर टीका भी उन्हीं के मिलने के बाद से लगाना शुरू कर दिया था।
हमारी पूरी लाइफ बदल दी
इसके आगे नीला कहती हैं कि- ‘बाबाजी ने हमारी पूरी लाइफ बदल दी थी। जब सास जा रही थीं, तो उन्होंने मुझे बाबाजी की एक फोटो दी थी, लेकिन उस दौरान ऐसा नहीं था कि शम्मी जी को उनसे मिलना है, क्योंकि वह भरोसा नहीं करते थे। लेकिन बाबा से मिलने के बाद वह बदल गए। शम्मी जी ने अपना अंत का जीवन एक बेहतर तरीके से व्यतीत किया है।