फिल्म इंडस्ट्री में बहुत कम एक्टर्स हुए हैं जिन्होंने सीरियस एक्टिंग से लेकर अपनी कॉमेडी से ऑडियंस के दिल पर छाप छोड़ी. इमोशनल सीन हो या फिर कॉमेडी इन सितारों ने बखूबी हर सीन में जान डाली है. आज हम ऐसे ही एक सितारे के बारे में बात करने जा रहे हैं जिन्होंने कई फिल्मों में अपनी कॉमेडी से ऑडियंस को हंसाया है. इसके बाद भी एक समय था जब वो गुमनामी की जिंदगी जीने लगे थे. जी हां हम बात कर रहे हैं संजय मिश्रा (Sanjay Mishra Birthday) की. कल यानी 6 अक्टूबर को एक्टर अपना 62वां जन्मदिन मना रहे हैं. इस खास मौके पर हम आपको उनके जीवन से जुड़ी कुछ अहम बातें बताते हैं.
नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा से की पढ़ाई
बिहार के दरभंगा में जन्में संजय मिश्रा का बचपन बेहद साधारण गुजरा है. संजय के पिता प्रेस इन्फॉर्मेशन ब्यूरो में एक सरकारी कर्मचारी थे. पिता के ट्रांसफर के बाद संजय अपनी फैमिली के साथ बनारस में आकर बस गए थे. बनारस के बाद उनके पिता दिल्ली में चले गए और दिल्ली में जाने के बाद संजय मिश्रा ने नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा के बारे में सुना और उन्होंने वहां एडमिशन ले लिया. संजय मिश्रा ने 3 साल तक एक्टिंग सीखी और उन्होंने इसके बाद फिल्मों में आने के बारे में सोचा.
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लोगों के बीच रहे गुमनाम
संजय ने साल 1995 की फिल्म ‘ओह डार्लिंग! ये है इंडिया!’ से फिल्म इंडस्ट्रीमें कदम रखा. इसके बाद राजकुमार, सत्या, दिल से, फिर भी दिल है हिंदुस्तानी, अलबेला, साथिया जैसी फिल्मों में काम किया. संजय मिश्रा ने अपने एक इंटरव्यू में बताया था कि कई सारी फिल्मों में काम करने के बाद भी लोग मेरा नाम नहीं जानते थे. संजय ने एक किस्सा भी शेयर किया था उन्होंने कहा कि एक बार में बस स्टैंड पर खड़ा था और एक शख्स मेरे पास आकर बोला कि आप राजपाल यादव हो ना, मैंने आपकी ‘भूल-भुलैया’ देखी है. इसके बाद मेरा रिएक्शन काफी शॉकिंग था. फिल्में करने के बाद भी मैं लोगों की नजरों में गुमनाम ही था.
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इस फिल्म से किया कमबैक
एक समय था जब संजय एक्टिंग छोड़ ढाबे पर खाना बनाने का काम करने लगे थे. दरअसल संजय ने खुद ही रिवील किया था कि एक समय था जब मेरी तबीयत बहुत खराब हो गई थी और वो अस्पताल में भर्ती थे, जैसे ही वो घर आए तो उनके पिता का निधन हो गया था. इसके बाद एक्टर टूट गए थे और उन्होंने परिवार और एक्टिंग को छोड़ दिया था और ऋषिकेश जाकर बस गए थे. वहां पैसा कमाने के लिए उन्होंने ढाबे पर काम किया था. इसके बाद रोहित शेट्टी ने उन्हें खोजा था और ‘ऑल द बेस्ट’ मूवी से उनका कमबैक हुआ. इस मूवी से संजय का करियर ट्रैक पर आ गया था.