फिल्ममेकर रवि छाबड़िया ने हाल ही में बतौर डायरेक्टर अपनी पहली फिल्म ‘डिटेक्टिव शेरदिल’ बनाई है। ये एक कॉमेडी और मिस्ट्री से भरपूर फिल्म है जिसमें दिलजीत दोसांझ, बोमन ईरानी, डायना पेंटी और चंकी पांडे जैसे कलाकार हैं। यह फिल्म 20 जून को ZEE5 पर रिलीज हुई और इसे दर्शकों से मिली-जुली प्रतिक्रिया मिली है। हिंदुस्तान टाइम्स को दिए इंटरव्यू में रवि छाबड़िया ने फिल्म बनाने के अपने अनुभव, दिलजीत दोसांझ के साथ काम करने और फिल्म की तुलना हॉलीवुड मूवी ‘Knives Out’ से किए जाने पर खुलकर बात की।
रवि छाबड़िया ने ‘डिटेक्टिव शेरदिल’ से की डायरेक्शन की शुरुआत
रवि ने बताया कि उन्होंने इस फिल्म को डेब्यू के लिए क्यों चुना। उन्होंने कहा कि यहां और बाहर भी बहुत सी मर्डर मिस्ट्री टाइप फिल्में बनी हैं, लेकिन मुझे लगा कि हमने बचपन से ‘गुप्त’ या ‘ब्योमकेश बक्शी’ जैसी शानदार डिटेक्टिव कहानियां देखी हैं। अब ऐसी फिल्में कम बन रही हैं। इसलिए मैं चाहता था कि एक मजेदार और दिलचस्प डिटेक्टिव फिल्म बनाई जाए। मेरे और अली के पास एक अच्छी स्क्रिप्ट थी और हमने तय किया कि इसे कुछ अलग तरीके से बनाया जाए।
जब पूछा गया कि डेब्यू फिल्म को लेकर वह घबराए हुए थे या नहीं, तो रवि बोले कि हर दिन एक तरह से टेस्ट जैसा होता है, चाहे वो पहली फिल्म हो या दसवीं। नर्वसनेस तो होती है, लेकिन अगर आप खुद पर भरोसा रखते हैं और मन से लगे रहते हैं तो काम हो जाता है। मैं हमेशा अपने दिल की सुनता हूं। मुझे ज्यादा डर नहीं था बल्कि मैं काफी एक्साइटेड था। जिस तरह से एक्टर्स के साथ मेरी तैयारी हुई थी, मुझे लग रहा था कि बस कैमरा ऑन करना है और शूट शुरू कर देना है।
‘Knives Out’ से तुलना पर क्या बोले रवि?
जब पूछा गया कि क्या फिल्म ‘Knives Out’ से इंस्पायर थी, तो रवि ने साफ कहा, ‘बिलकुल नहीं। हम लोग ये फिल्म काफी पहले से लिख रहे थे और मुझे याद भी नहीं कि हमने कब ‘Knives Out’ देखी थी। हां, ये एक बेहतरीन फिल्म है और अगर हमारी फिल्म की तुलना उससे की जा रही है तो हमें अच्छा ही लग रहा है। जब लोग हमारी फिल्म देखेंगे तो उन्हें साफ पता चल जाएगा कि हमारी फिल्म कितनी अलग है।’
दिलजीत दोसांझ के साथ काम करने का अनुभव कैसा रहा?
दिलजीत के बारे में रवि ने बताया कि दिलजीत पाजी बहुत ही सादा और अच्छे इंसान हैं। उन्होंने कभी भी मुझे किसी तरह का दबाव महसूस नहीं करवाया। सेट पर वो बहुत सहज थे और पूरी तरह सहयोग करते थे। मैं उन्हें ‘क्यूटहार्ट’ कहता हूं क्योंकि वो बहुत प्यारे हैं। हम दोनों के बीच ऐसा रिश्ता बन गया था कि वो मुझसे खुलकर बातें कर सकते थे और मैं भी उन्हें कुछ सुझाव दे सकता था। हमने ये फिल्म सिर्फ 32 दिनों में शूट कर ली थी। अगर ऐसा तालमेल न होता तो इतने कम समय में फिल्म बनना मुमकिन नहीं था।
द ग्रेट इंडियन कपिल शो के एक एपिसोड में जब इम्तियाज अली ने बताया कि शाहरुख खान ने कहा था कि दिलजीत भारत के सबसे अच्छे एक्टर हैं, तो रवि ने उस पर कहा कि मैं तो कहूंगा बिल्कुल सही बात है।पाजी कमाल के एक्टर हैं। मैं उन्हें सेट पर अक्सर कहता था कि आप कितने अच्छे एक्टर हैं। मैं खुद भी शर्मीला हूं और वो भी, इसलिए हमारी आपस में काफी अच्छी समझ बन गई थी। जब भी मुझे लगता था कि उन्होंने कोई सीन बहुत अच्छा किया, तो मैं जाकर कह देता था कि आप बहुत बढ़िया कर रहे हो। वो शरमा कर बस ‘थैंक यू’ कह देते थे। यही उनकी सादगी है जो उन्हें खास बनाती है। वो एक बड़े ग्लोबल स्टार हैं, लेकिन दिल से बहुत ही जमीन से जुड़े इंसान हैं और ये उनके अभिनय में भी नजर आता है।
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