Ranbir Kapoor Animal Controversy: साउथ डायरेक्टर संदीप रेड्डी वांगा (Sandeep Reddy Vanga) ने बॉलीवुड में अपनी शुरुआत शाहिद कपूर (Shahid Kapoor) और कियारा आडवाणी (Kiara Advani) की सुपरहिट फिल्म ‘कबीर सिंह’ (Kabir Singh) से की थी। इसके बाद अब पिछले 12 दिनों से सिनेमाघरों में उनकी दूसरी बॉलीवुड फिल्म ‘एनिमल’ (Animal) का भौकाल छाया हुआ है। फिल्म बॉक्स ऑफिस पर पिछले 12 दिनों से ताबड़तोड़ कमाई कर रही है। फिल्म ने अब तक भारतीय बॉक्स ऑफिस पर 458.12 करोड़ की कमाई कर ली है। वहीं, फिल्म ने वर्ल्डवाइड 737.98 करोड़ रुपए का कलेक्शन कर लिया है।
हालांकि, फिल्म जितनी तेजी से कमाई कर रही उतनी ही तेजी से विवादों में घिरती भी जा रही है। सबसे पहले फिल्म को महिला विरोधी बताया गया। फिल्म में जिस हिसाब से महिलाओं के घरेलू हिंसा और बलात्कार जैसी चीजों को दर्शाया गया है उसको लेकर फिल्म की और डायरेक्टर की काफी आलोचना हो रही है। इसके बाद जहां एक फिल्म 2 से सवा 2 घंटे के अंदर खत्म हो जाती है उस हिसाब से फिल्म की कहानी को बढ़ाकर 3 घंटे की फिल्म को बनाया गया। (Ranbir Kapoor Animal Controversy)
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फिल्म में ‘मुस्लिम विलेन’ की जरूरत क्यों पड़ी?
फिल्म में खून खराबे के साथ-साथा वायलेंस दिखाया गया और अब तीसरा विरोध हो रहा है फिल्म में ‘मुस्लिम विलेन’ को लेकर। जी हां… फिल्म में बॉबी देओल एक ‘साइलेंट विलेन’ के किरदार में नज़र आ रहे हैं, जिसका नाम ‘अबरार हक’ है। फिल्म में दो गुटों को दिखाया गया है, जिसमें से एक मुस्लिम हैं और दूसरा सिख, लेकिन फिल्म में ‘मुस्लिम विलेन’ की जरूरत क्यों पड़ी? इसके बारे में सवाल किए जा रहे हैं। क्या इस फिल्म को महिला विरोधी और मुस्लिम विलेन के बिना नहीं बनाया जा सकता था? चलिए देखते हैं इनके बिना फिल्म की कहानी क्या हो सकती थी?
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पहले भी बन चुकी हैं Animal जैसी फिल्में
महिला विरोधी, इस्लामोफोबिया और वायलेंस से भरे सीन्स के बिना यह फिल्म बदले पर आधारित है, जो चचेरे भाइयों के बीच झगड़े को दिखाती है। यह कोई पहली फिल्म नहीं, जिसमें बदले की भावना और चचेरे भाइयों के बीच झगड़े को दिखाती है। इससे पहले भी इस कंटेंट पर कई फिल्में बन चुकी हैं, जिनमें सबसे पहले प्रकाश झा (Prakash Jha) की साल 2010 में आई ‘राजनीति’ में भी दो भाइयों के बीच के झगड़े को आसान सी कहानी के तौर पर दिखाया गया है। इसके अलावा जिमी शेरगिल (Jimmy Shergill) की साल 2015 में आई पंजाबी फिल्म ‘शरीक’ में भी चचेरे भाइयों के बीच झगड़े को एक सहज कहानी के तौर पर पेश किया गया है।
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