राम वर्मा के खिलाफ चेक बाउंस मामले में ये नया अपडेट सामने आया है। अदालत ने उनकी जमानत याचिका और सजा पर रोक लगाने की अपील को ठुकरा दिया। राम गोपाल वर्मा की ओर से उनकी ओर से एक वकील, दुरेंद्र के.एच. शर्मा ने अदालत में ये आवेदन किया था। वकील ने दो अलग-अलग आवेदन पेश किए थे, एक जमानत के लिए और दूसरा सजा पर रोक लगाने के लिए। लेकिन वर्मा की गैरमौजूदगी के कारण इन दोनों ही याचिकाओं को अदालत ने खारिज कर दिया।
राम गोपाल वर्मा केस में क्या अपडेट?
कोर्ट ने वर्मा के खिलाफ पहले की अदालत के फैसले पर पुनर्विचार किया, जिसमें वर्मा को चेक बाउंस के आरोप में दोषी ठहराया गया था। इस मामले में अदालत ने उन्हें तीन महीने के भीतर शिकायतकर्ता को 3.72 लाख रुपये का मुआवजा देने का आदेश दिया था। अगर वर्मा मुआवजा देने में विफल रहते हैं, तो उन्हें अतिरिक्त तीन महीने की सजा हो सकती है। अदालत ने ये भी साफ किया कि जब तक वर्मा सजा पूरी नहीं करते, तब तक उन्हें इस मामले में किसी तरह की राहत नहीं मिल सकती।
पिछली सुनवाई में कोर्ट ने कहा था कि राम गोपाल वर्मा को व्यक्तिगत रूप से अदालत में पेश होकर अपनी याचिका दायर करनी होगी। इस मामले में वर्मा के वकील ने अदालत से अनुरोध किया था कि उन्हें जमानत दी जाए और सजा पर रोक लगाई जाए।
क्या है पूरा मामला?
चेक बाउंस के मामले में राम गोपाल वर्मा पर आरोप है कि उन्होंने एक चेक जारी किया था, जो कि खाता में पर्याप्त रकम न होने के कारण बाउंस हो गया। ये मामला 2018 में शुरू हुआ था, जब एक संगठन ‘श्री’ ने वर्मा के खिलाफ यह मामला दर्ज किया था। कोर्ट ने उन्हें 2022 में जमानत दी थी, लेकिन इस बार वर्मा की गैरमौजूदगी और याचिका खारिज होने के कारण उनकी मुश्किलें बढ़ती दिख रही हैं।
इस मामले में अदालत ने वर्मा के खिलाफ फैसला सुनाया था और कहा था कि उन्हें किसी भी तरह का सेट-ऑफ का अधिकार नहीं होगा, क्योंकि उन्होंने ट्रायल के दौरान किसी भी समय जेल में समय नहीं बिताया। अदालत ने मामले में अगली सुनवाई की तारीख 28 जुलाई तय की है और इस दौरान गिरफ्तारी वारंट के निष्पादन की रिपोर्ट भी पेश की जाएगी।
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