स्कूली बच्चों को पढ़ाई जा रही NCERT में ऐतिहासिक सिलेबस को लेकर बॉलीवुड एक्टर आर. माधवन ने सवाल उठाए हैं। कक्षा 7 की किताबों से मुगलों और दिल्ली सल्तनत पर अनुभागों को हटाने के कथित फैसले को लेकर चल रही बहस में शामिल होकर एक्टर ने पूछा कि पहले के इतिहास के सिलेबस में हिंदू धर्म, जैन और बौद्ध धर्म को पर्याप्त रूप में शामिल क्यों नहीं किया गया? मुगलों के ऊपर 8 चैप्टर बनाए गए लेकिन चोल साम्राज्य की विरासत को सिर्फ एक चैप्टर में क्यों समेटा गया है?
NCERT सिलेबस पर क्या बोले एक्टर?
न्यूज 18 शोशा के साथ बातचीत में आर. माधवन ने NCERT की कक्षा 7 की किताबों बदलाव को लेकर चल रही बहस पर बात की है। उन्होंने कहा कि ‘मैं जानता हूं कि अगर मैं बात करूंगा तो आगे चलकर मुझे मुश्किल हो सकती सहै लेकिन मैं फिर भी कहूंगा। जब मैंने स्कूल में हिस्ट्री पढ़ी थी, उस वक्त मुगलों पर 8 चैप्टर थे, हड़प्पा और मोहनजोदड़ो की सभ्यताओं पर दो, ब्रिटिश हुकूमत और स्वतंत्रता संग्राम पर चार चैप्टर थे।’
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चोल साम्राज्य के बारे में सिर्फ एक चैप्टर
आर. माधवन ने इस संख्याओं को बताते हुए आगे कहा, ‘दक्षिणी राज्यों- चोल, पल्लव और चेर पर सिर्फ एक चैप्टर था। अंग्रेजों और मुगलों ने हम पर करीब 800 साल तक हुकूमत की लेकिन चोल साम्राज्य 2,400 साल पुराना है। वह समुद्री यात्रा और नौसैनिक शक्ति के अग्रदूत थे। उनके पास रोम तक फैले मसाला मार्ग थे। हमारी हिस्ट्री का वह हिस्सा कहां है?’
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मुगल वंश के बारे में ज्यादा पढ़ाया गया
एक्टर यहीं नहीं रुके उन्होंने आगे कहा, ‘कोरिया में लोग आधी तमिल बोलते हैं क्योंकि हमारी भाषा वहां तक पहुंची है। जैन, बौद्ध और हिंदू धर्म चीन में फैल गए। हमने ये सब सिर्फ एक चैप्टर में समेट दिया।’ आर. माधवन ने माना कि पहले स्कूल में हिस्ट्री के सिलेबस में मुगल वंश की जानकारी बहुत ज्यादा दी जाती थी। उन्होंने कहा कि ‘ये किसकी कहानी है? ये सिलेबस किसने तय किया है? तमिल सबसे पुरानी भाषा है लेकिन इसके बारे में कोई नहीं जानता। संस्कृति में छिपे वैज्ञानिक ज्ञान का लोग आज भी मजाक बना रहे हैं।’
अपनी फिल्म ‘केसरी: चैप्टर 2’ पर बात करते हुए आर. माधवन ने कहा कि उनकी फिल्म की कहानी बदलाव की दिशा में एक कदम है। बता दें कि अक्षय कुमार स्टारर यह फिल्म पिछले महीने अप्रैल में सिनेमाघरों में रिलीज हुई थी। इस फिल्म की कहानी जलियांवाला नरसंहार से प्रेरित है।