Parachute Web Series: बचपन में पेरेंट्स से हमेशा सुना गया है कि बाहर अकेले मत जाना। कोई कुछ खाने को दे तो नहीं लेना। एग्जाम में नंबर कम आएं या शैतानी की तो पेरेंट्स से पिटाई का डर… यह सारे एक्सपीरियंस कहीं न कहीं हर किसी ने जिए हैं। कई बार बच्चों पर पेरेंट्स का डर इतना हावी हो जाता है कि मासूमियत में वह कुछ ऐसा कदम उठा लेते हैं, जिसके बारे में शायद ही किसी ने सोचा होगा। तभी तो कहते हैं कि सिर्फ बच्चे पैदा करना बड़ी बात नहीं। उनकी परवरिश करना सबसे बड़ी चुनौती है।
आज हम आपको एक स्ट्रिक्ट पिता और पेरेंटिंग के दौरान आने वाले चैलेंज पर बनी थोड़ी सी हंसाती और थोड़ी सी रुलाती वेब सीरीज ‘पैराशूट’ के बारे में बताएंगे। रासु रंजीत के डायरेक्शन में बनी यह वेब सीरीज ओटीटी प्लेटफॉर्म डिज्नी प्लस हॉटस्टार पर रिलीज हुई है। हम आपको 5 कारण बताएंगे जो आपको मजबूर कर देंगे इस सीरीज को देखने पर…
न्यूली पेरेंट हैं तो जरूर देखें
वेब सीरीज ‘पैराशूट’ की कहानी एक स्ट्रिक्ट पिता शनमुगम और उसके दो बच्चों वरुण और रूद्रा की है। पिता अपने दोनों बच्चों को हर खुशी देना चाहता है और बुरी चीजों से दूर रखने की कोशिश करता है। हालांकि इस कोशिश में वह भूल जाता है कि उसकी स्ट्रिक्टनेस कहीं न कहीं उसके बच्चों के दिमाग पर गहरा असर डाल रही है। शनमुगम अपने बेटे वरुण को हमेशा डांटता और मारता है। अपने पिता का वरुण में इतना डर बैठ जाता है कि उन्हें देखते ही हर बार उसकी पेशाब छूट जाती है। अगर आप न्यूली पेरेंट हैं, तो अपने बच्चों की परवरिश करते वक्त उनमें यह डर बिल्कुल ना आने दें।
भाई-बहन का दिल छूने वाला रिश्ता
कहानी में आगे दिखाते हैं कि वरुण पढ़ाई में कमजोर है, जबकि उसकी छोटी बहन रूद्रा पढ़ाई में अव्वल है। एग्जाम में कम नंबर आने की वजह से वरुण की हिम्मत नहीं होती है कि वह अपना रिजल्ट पिता को दिखाए। तब रूद्रा उसका रिजल्ट दिखाकर अपने भाई को पिता की मार से बचाती है। जब बहन के कहने पर वरुण उसके लिए पतंग लेकर आता है, तब दोनों बच्चों की मां लक्ष्मी उन्हें उनके पिता की डांट से बचाने की कोशिश करती है लेकिन वरुण को फिर से पिता की मार खानी पड़ती है। इससे वह दिन पर दिन सहमता जाता है।
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पैराशूट से सपनों की उड़ान
कहानी में आगे देखने को मिलता है कि वरुण और रूद्रा अपने पिता से डर की वजह से अपनी खुशियों को चोरी-छिपे ढूंढने की कोशिश करते हैं। एक दिन जब उनकी मां लक्ष्मी घर के काम में बजी होती है, तब वरुण और रूद्रा पैराशूट (पिता की बाइक) से बाहर घूमने जाने का प्लान बनाते हैं। वरुण चाहता है कि वह अपनी बहन को उसके जन्मदिन पर बाहर लेकर जाए। बस इसी मंशा के साथ वह रूद्रा को पैराशूट पर बैठाकर घुमाने के लिए ले जाता है।
बहन सबसे बड़ी प्रायोरिटी
वरुण और रूद्रा बिना बताए घूमने तो निकल जाते हैं लेकिन कहानी में ट्विस्ट तब आता है, जब उनकी पैराशूट चोरी हो जाती है। पैराशूट को ढूंढने की कोशिश में दोनों दिन-रात भटकते हैं। पुलिस और लोगों की मदद मांगते हैं लेकिन घर जाने की हिम्मत नहीं कर पाते हैं। वरुण को डर है कि अगर पिता को पता चला तो वह उसे बहुत मारेंगे। अपनी मासूमियत में वरुण और रूद्रा एक ट्रक में सवार होकर निकल जाते हैं। यह वही ट्रक होता है, जिसमें बैठे लोग उसकी पैराशूट को चोरी कर शहर से बाहर ले जा रहे होते हैं। हालांकि इस पूरी जर्नी में वरुण अपनी बहन रूद्रा का सबसे ज्यादा ख्याल रखता है।
पेरेंटिंग पर देती है बड़ी सीख
वरुण और रूद्रा को नहीं पता होता है कि पिता के डर की वजह से उन्होंने जो रास्ता चुन लिया है, वो कितना खतरनाक है। दोनों ट्रक से बॉर्डर पार चले जाते हैं। उधर, शनमुगम और लक्ष्मी अपने दोनों बच्चों को ढूंढने के लिए परेशान हैं। अब दोनों कैसे अपने बच्चों को सही सलामत हासिल करते हैं, इसके लिए आप वेब सीरीज ‘पैराशूट’ जरूर देखें। इस सीरीज के कई सीन्स आपको इमोशनल कर देंगे और यह सोचने के लिए मजबूर कर देंगे कि कहीं आप भी अपने बच्चों को डर के माहौल में जीने के लिए मजबूर तो नहीं कर रहे हैं? अगर वरुण को पिता का डर नहीं होता तो वह रूद्रा को लेकर घर चला जाता लेकिन पिता की मार के डर से वह बिना पैराशूट लिए घर जाने के लिए खुद को तैयार नहीं कर पाता है।