Naseeruddin Shah On The Kashmir Files Kerala Story Gadar 2: बॉक्स ऑफिस पर बीते कुछ समय में कई फिल्मों ने अपना परचम लहराया है। कभी कश्मीरी पंडितों के नरसंहार तो कभी इंडिया-पाकिस्तान के मुद्दों पर बनी इन फिल्मों ने ऑडियंस का दिल भले ही जीत लिया हो, लेकिन लगता है ये फिल्में बॉलीवुड के दिग्गज एक्टर नसीरुद्दीन शाह (Naseeruddin Shah) को इम्प्रेस करने में नाकामयाब रहीं। अब एक्टर का एक ऐसा तीखा बयान सामने आया है जिसके बाद हर तरफ कोहराम मच गया है।
इन फिल्मों की सफलता को बताया डिस्टर्बिंग
बता दें, ‘गदर 2’ (Gadar2) बेहद कम समय में 500 करोड़ कमाने में कामयाब हो गई हैं। वहीं, जब ‘द कश्मीर फाइल्स’ (The Kashmir Files) आई थी तो इस फिल्म को लेकर भी काफी विवाद हुआ था। हालांकि, बाद में इस फिल्म को लोगों ने एक्सेप्ट कर लिया। ‘द केरल स्टोरी’ (Kerala Story) भी लोगों पर एक इम्पैक्ट क्रिएट करने में कामयाब रही थी। लेकिन नसीरुद्दीन शाह इन फिल्मों की कामयाबी से खुश नजर नहीं आ रहे। हाल ही में एक्टर ने इन फिल्मों की सफलता को डिस्टर्बिंग बताया है। जब एक्टर से एक इंटरव्यू के दौरान पूछा गया कि डायरेक्टर के रूप में वापसी करने में उन्हें 17 साल कैसे लग गए। तो पर उन्होंने शॉकिंग रिएक्शन दिया।
फिल्म मेकिंग के ऑब्जेक्टिव में आए बदलाव पर बोले नसीरुद्दीन
नसीरुद्दीन शाह ने अपने जवाब में कहा, “मैं इतनी खराब फिल्म बनाने के सदमे से उबर रहा था। ये वैसा नहीं हुआ जैसा मैंने सोचा था। मैंने बस यही सोचा कि अगर मैं सभी बेहतरीन एक्टर्स को इकट्ठा करूं तो वे अच्छा प्रदर्शन करेंगे।” वहीं, बॉलीवुड में फिल्म मेकिंग के ऑब्जेक्टिव में आए बदलाव पर नसीरुद्दीन शाह बोलें, “हां! अब आप जितने ज्यादा अंधराष्ट्रवादी होंगे, आप उतने ही ज्यादा पॉपुलर होंगे, क्योंकि यही इस देश पर शासन कर रहा है। अपने देश से प्यार करना ही काफी नहीं है बल्कि इसके बारे में ढोल पीटना और काल्पनिक दुश्मन पैदा करना भी काफी नहीं है। इन लोगों को ये एहसास नहीं है कि वे जो कर रहे हैं वो बहुत हानिकारक है।”
इस ट्रेंड को बताया खतरनाक
“सच में, ‘केरल स्टोरी’ और ‘गदर 2’ जैसी फिल्में मैंने उन्हें नहीं देखा है। लेकिन मुझे पता है कि वे किस बारे में हैं। ये परेशान करने वाली बात है कि कश्मीर फाइल्स जैसी फिल्में इतनी पॉपुलर हैं। जबकि सुधीर मिश्रा, अनुभव सिन्हा और हंसल मेहता की बनाई गई फिल्में जो अपने समय की सच्चाई को चित्रित करने की कोशिश कर रहे हैं, देखी नहीं जाती हैं। लेकिन ये ज़रूरी है कि ये फिल्म निर्माता हिम्मत न हारें और कहानियां सुनाते रहें। सौ साल बाद लोग भिड देखेंगे और गदर 2 भी देखेंगे और देखेंगे कि कौन हमारे समय की सच्चाई को पोर्ट्रे करता है क्योंकि फिल्म ही इकलौता माध्यम है जो ऐसा कर सकता है। ये डरावना है जहां फिल्म निर्माताओं को ऐसी फिल्में बनाने में शामिल किया जा रहा है जो सभी गलत चीजों की प्रशंसा करते हैं और बिना किसी कारण बाकी समुदायों को नीचा दिखाते हैं। ये एक खतरनाक ट्रेंड है।”