Mahatma Gandhi: सिनेमाजगत में महात्मा गांधी पर कई फिल्मे बनी है। कलाकारो ने भी बेहद शानदार तरीके से बापू का रोल अदा किया है। रियल लाइफ के जैसे ही सिल्वर स्क्रीन पर भी बापू के रोल ने हमेशा लोगों का दिल जीता।
आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि वो कौन-सी फिल्म थी जिसे महात्मा गांधी ने पहली और आखिरी बार देखा था। चलिए जान लेते हैं…
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महात्मा गांधी को नहीं था फिल्मों का शौक
दरअसल, महात्मा गांधी को बहुत ज्यादा फिल्मों का शौक नहीं थी और ना ही वो ज्यादा फिल्में देखते थे। रिपोर्ट्स की मानें तो महात्मा गांधी ने अपनी लाइफ में बस एक ही फिल्म देखी थी, जिसका नाम है ‘राम राज्य’। ये फिल्म साल 1943 में आई थी और बापू के जीवन की एकमात्र ऐसी फिल्म है, जो उन्होंने पहली और आखिरी बार देखी।
पहली ही फिल्म को बीच में छोड़ आए थे बापू
बता दें कि निर्देशक विजय भट्ट ने ये फिल्म बनाई थी। इस फिल्म को बनाने की वजह भी महात्मा गांधी ही थे क्योंकि वो राम राज्य की बात करते थे। बापू की इसी बात से प्रभावित होकर विजय भट्ट ने इस फिल्म को बनाने के बारे में सोचा था। इतना ही नहीं बल्कि कई लोगों को लगता थी कि ये फिल्म देखने के बाद फिल्मों के प्रति बापू का नजरिया हदल जाएगा। हालांकि ऐसा नहीं हुआ और बापू बीच में ही फिल्म छोड़कर चले गए। रिपोर्ट्स की मानें तो बताया गया कि इसके बाद महात्मा गांधी ने कभी कोई फिल्म नहीं देखी।
महात्मा गांधी के ऊपर बनी कई फिल्में
वहीं, अगर महात्मा गांधी के ऊपर बनी फिल्मों की बात करे तो वो दर्शको को बेहद पसंद आती थी। फिर चाहे वो संजय दत्त की ‘लगे रहो मुन्नाभाई’ या फिल्म ‘गांधी’ हो। बापू की हर फिल्म को देखकर लोगों के मन में एक अलग गी किस्म का उत्साह और जोश देखने को मिलता था। वहीं, अभिनेता भी महात्मा गांधी के किरदार को निभाने के लिए जी जान लगा देते थे।