Nadaaniyan: इब्राहिम अली खान (Ibrahim Ali Khan) की डेब्यू फिल्म नेटफ्लिक्स पर ट्रेंड कर रही है। खुशी कपूर (Khushi Kapoor) के साथ उनकी ‘नादानियां’ ओटीटी पर छाई हुई है। ये फिल्म वैसे तो टीनएज रोमांटिक कॉमेडी है, लेकिन जब आप इसे देखेंगे तो कुछ चीजें आपके दिल में बस जाएंगी। इस फिल्म में प्यार और सैक्रिफाइस को इतनी खूबसूरती से दर्शाया और समझाया गया है कि किसी का भी नजरिया बदल जाए। ‘नादानियां’ फिल्म देखने से आपको जिंदगी की 5 बड़ी सीख मिल सकती हैं। अब वो क्या हैं? चलिए जानते हैं।
अलग होना भी है खूबसूरत
‘अलग होना भी बहुत ही खूबसूरत है।’ जब अर्जुन मेहता (इब्राहिम) के पिता कहते हैं कि पिया जयसिंह (Pia Jaisingh) का उनसे मेल उन्हें पहले पसंद नहीं आया था, वो भी डरे हुए थे। दरअसल, दोनों के सोशल स्टेटस और क्लास में काफी फर्क है। हालांकि, उन्हें बाद में महसूस हुआ कि कभी-कभी अलग होना खूबसूरत होता है। उनकी ये बात एक बड़ा मैसेज देती है।
खुद को बदलना सैक्रिफाइस नहीं प्यार है
इसके अलावा अर्जुन मेहता (इब्राहिम) के पिता के किरदार में एक्टर जुगल हंसराज (Jugal Hansraj) ने एक खूबसूरत बात कही है। उन्होंने फिल्म में कहा, ‘मुझे फालूदा से नफरत थी, पर तेरी मां और मैं रोज काम के बाद वॉक पर जाते थे और एक कुल्फी शेयर करते थे और उन्हें फालूदा से प्यार था।’ इसके बाद जब उनसे पूछा जाता है कि मां के लिए उन्होंने इतने सारे सैक्रिफाइस क्यों किए? तो वो जवाब देते हैं, ‘प्यार… वही चीज है, जो आपको सबसे ज्यादा इरिटेट करती है न, वही चीज कब आपकी फेवरेट बन जाती है, पता भी नहीं चलता।’
जिंदगी में एक बार नहीं बार-बार हो सकता है प्यार
एक्टर जुगल हंसराज ने फिल्म में इब्राहिम को बड़ी ही खूबसूरती से प्यार का मतलब भी सिखाया है। उन्होंने एक उदाहरण देते हुए कहा, ‘रोमियो और जूलियट की कहानी तो सुनी होगी, लेकिन क्या आप जानते हो रोमियो का पहला प्यार कौन था? Rosaline और अगर Rosaline रोमियो की लाइफ में नहीं आती, तो रोमियो को जूलियट नहीं मिलती। प्यार दो बार भी हो सकता है, शायद 3 बार भी हो सकता है और कभी-कभी तो बार-बार भी हो जाता है, लेकिन जूलियट लाइफ में एक ही बार मिलती है। अब ये तुम पर है कि तुम्हारी पार्टनर Rosaline है? जिसे तुम जाने दे सकते हो, या फिर जूलियट जिसके लिए तुम लड़ना चाहते हो, जीना चाहते हो, मरना चाहते हो।’
रिश्तों को प्रायरटाइज करना है बेहद जरूरी
इसके अलावा चौथी बड़ी सीख, जो आपको इस फिल्म से मिलेगी और वाकई आपके रिलेशनशिप को बेहतर बनाने में मदद करेगी वो है, ‘जिस प्यार में छोटी-मोटी नादानियां न हों, उस प्यार का मजा ही क्या है? रिश्तों को प्रायरटाइज करना पड़ता है, उन पर रोज काम करना पड़ता है। उनका भी विजन बोर्ड होता है। लाइफ के बड़े-बड़े अचीवमेंट्स और बड़े-बड़े कामों के बीच में इस डिपार्टमेंट को भूल मत जाना।’
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बुली से कैसे करते हैं डील?
इब्राहिम ने एक सीन में खुशी को बुरे लोगों से डील करने का एक मंत्र सिखाया है। उन्होंने कहा, ‘बुली से आंख मिलाओ तो वो घबरा जाते हैं। जो लोग दूसरों को नीचा दिखाते हैं, वो अंदर से कमजोर होते हैं। असली जीत तभी होती है, जब हम उनके सामने हार नहीं मानते।’