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Explainer: सिल्वर स्क्रीन के नाम से क्यों मशहूर हुआ सिनेमा? क्या है इस नाम के पीछे की कहानी

Silver Screen name behind interesting Fact: सिल्वर स्क्रीन के नाम से सिनेमा क्यों मशहूर हुआ? इस नाम के पीछे क्या कहानी है, यह ज्यादा सिने फैंस नहीं जानते होंगे। सिनेमा की शुरुआत से जुड़े इस नाम की दिलचस्प कहानी शुरुआती सिनेमा के दौर से ही जुड़ी है। 19वीं सदी के अंत और 20वीं सदी के शुरुआत में सिनेमा को सिल्वर स्क्रीन कहकर पुकारा गया था। इसके पीछे भी खास वजह थी।

Author Written By: News24 हिंदी Author Edited By : Vijay Jain Updated: Aug 1, 2025 21:19
Silver Screen
Silver Screen

Silver Screen name behind interesting Fact: भले ही सिनेमा की स्क्रीन पर अब सिल्वर न बचा हो, लेकिन सिल्वर स्क्रीन के नाम का जलवा आज भी बरकरार है। चाहे आप किसी पुराने थियेटर में फिल्म देख रहे हों या किसी मल्टीप्लेक्स में, सिल्वर स्क्रीन का नाम आज भी जुबां पर होता है।

दरअसल, सिनेमा के शुरुआती दौर में जब मूक फिल्में चलती थीं तो उन्हें सिनेमा में दिखाने के लिए स्क्रीन पर चांदी का लेप चढ़ाया जाता था, यह लेप स्क्रीन को चमकदार बनाता था, जिससे प्रोजेक्टर की रोशनी में बेहतर ढंग से दर्शकों को सीन दिखाई देते थे।

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रोमांचक विरासत को जीवंत करती है सिल्वर स्क्रीन

सिल्वर स्क्रीन सिनेमा से शुरुआती ब्लैक-एंड-व्हाइट फिल्में कम रोशनी वाले प्रोजेक्टर में भी चमकती थीं। सिनेमा के परदे असली चांदी से ढके होते थे! ये परदे रेशम जैसी सामग्री से बने होते थे और तस्वीर को चमकदार और साफ़ दिखाने के लिए उन पर चांदी का लेप चढ़ाया जाता था। यहीं से ‘सिल्वर स्क्रीन’ शब्द का इजाद हुआ।

धीरे-धीरे यह शब्द सिर्फ स्क्रीन तक सीमित नहीं रहा, बल्कि सिनेमा इंडस्ट्री की जगह इस्तेमाल होने लगा। मॉडर्न जमाने में भले ही स्क्रीन पर चांदी का इस्तेमाल न हो, लेकिन ‘सिल्वर स्क्रीन’ का नाम सिनेमा की रोमांचक विरासत को जीवित रखता है।

स्क्रीन अब सिल्वर नहीं, लेकिन जादू अभी भी मौजूद

सिल्वर स्क्रीन पर ब्लैक एंड व्हाइट फिल्में भी चमक उठती थी और उसमें जादुई, चांदी जैसी चमक आ जाती थी। जैसे-जैसे समय बीतता गया, तकनीक बेहतर होती गई। अलग-अलग सामग्रियों से नई स्क्रीन बनाई गईं, जिनमें ज़्यादा रंग और ज़्यादा व्यापक व्यूइंग एंगल उपलब्ध थे, लेकिन “सिल्वर स्क्रीन का उपनाम अब भी बरकरार है।

1920 के दशक तक, लोग इसे फिल्मों और फिल्म उद्योग के बारे में बात करने के एक मज़ेदार तरीके के रूप में इस्तेमाल करने लगे। आज जब हम अपने पसंदीदा एक्टर-एक्ट्रेस की बात करते हैं तो उन्हें भी सिल्वर स्क्रीन के सितारे कहते हैं!

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सिनेमा की जगह अब स्टाइलिश मल्टीप्लेक्स

सिल्वर स्क्रीन के प्रति तो भारतीयों का गहरा प्यार है, लेकिन अब सिंगल स्क्रीन थियेटर खत्म होते जा रहे हैं। उनकी जगह पीवीआर, आईनॉक्स और एएमबी सिनेमा जैसे आधुनिक थिएटर मौजूद हैं , जहां आरामदायक सीटें और क्रिस्टल-क्लियर साउंड है। किसी भी शहर को देखिए जहां सिंगल स्क्रीन थियेटर की लंबी लिस्ट मौजूद थी, जहां लोग साथ मिलकर सीटी बजाते और तालियां बजाते हुए फ़िल्में देखते थे। अब, हमारे पास भले ही अब स्क्रीन सिल्वर न हों, लेकिन जादू अभी भी कायम है। सिल्वर स्क्रीन आज भी कहानियों में जान डाल देती है।

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First published on: Aug 01, 2025 08:58 PM

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