Hindustani Bhau Controversies: विकास पाठक (Vikas Pathak) उर्फ हिंदुस्तानी भाऊ इस वक्त बेहद मुश्किल में हैं। एकता कपूर (Ekta Kapoor) ने हिंदुस्तानी भाऊ के खिलाफ 100 करोड़ का मानहानि का दावा किया है। हिंदुस्तानी भाऊ ने जवानों का अपमान करने का आरोप लगाते हुए एकता के खिलाफ शिकायत दर्ज करवाई थी। अब एकता के वकील ने साल 2020 के इस मामले में कहा है कि हिंदुस्तानी भाऊ झूठी और मिस लीडिंग जानकारी पोस्ट कर रहे हैं। उन पर पर्सनल एजेंडा और सीक्रेट मोटिव के तहत अफवाहों को फैलाने के लिए एक्शन लिया जाएगा। दरअसल, एकता कपूर के वकील का कहना है कि पुलिस मामला पहले ही बंद कर चुकी है फिर भी हिंदुस्तानी भाऊ एकता की इमेज और बिजनेस को नुकसान पहुंचा रहे हैं। इससे पहले भी वो कई बड़ी कॉन्ट्रोवर्सीज में फंस चुके हैं।
उर्फी जावेद को सरेआम दी थी धमकी
उर्फी जावेद को आज लोग एक्सेप्ट कर चुके हैं। हालांकि, जब वो अपने कपड़ों को लेकर ट्रोल होती थीं, तब अक्सर उन्हें डेथ और रपे थ्रेट्स मिला करते थे। सोशल मीडिया यूजर्स ही नहीं, बल्कि कई सेलिब्रिटीज ने भी उर्फी जावेद को धमकाया है। इस लिस्ट में हिंदुस्तानी भाऊ का नाम भी शामिल है। सोशल मीडिया पर एक पोस्ट शेयर कर हिंदुस्तानी भाऊ ने खुलेआम उर्फी को वार्निंग दी थी। उन्होंने कहा था, ‘जय हिंद, ये मैसेज उर्फी जावेद के लिए है। जो खुद को बहुत अच्छी फैशन डिजाइनर समझ रही है। बेटा ये जो बाहर तू कपड़े पहनकर घूम रही है फैशन के नाम पर, ये हिंदुस्तान का रिवाज और संस्कृति नहीं है। तेरी वजह से ना बहुत गलत मैसेज जा रहा है बहन-बेटियां तक, तो सुधर जा बेटा वरना मैं सुधार दूंगा। एक भाई के नाते प्यार से समझा रहा हूं, सुधर जाना।’
जब गिरफ्तार हुए थे हिंदुस्तानी भाऊ
साल 2022 में भी हिंदुस्तानी भाऊ गलत कारणों से सुर्खियों में आए थे। दरअसल, छात्रों के समर्थन में उनकी मांग थी कि 10वीं-12वीं की परीक्षा ऑनलाइन ही होनी चाहिए। उस दौरान हिंदुस्तानी भाऊ पर आरोप लगा कि उन्होंने मुंबई में छात्रों को उकसाया था। इस मामले में उनकी गिरफ्तारी भी हुई थी।
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धार्मिक भावनाओं को आहत करने का लगा था आरोप
साल 2022 में हिंदुस्तानी भाऊ एक और कंट्रोवर्सी में फंसे थे। उर्फी जावेद और हिंदुस्तानी भाऊ एक कैसीनो का प्रमोशन कर रहे थे। जिसके बाद इन्हें कानूनी नोटिस भेजा गया था। कैसीनो का नाम ‘गुरु नानक ऑनलाइन बुक’ था। इस पर श्री गुरु नानक देव जी की फोटो और ओंकार धार्मिक चिह्न भी लगाया था। धार्मिक भावनाओं को आहत करने के लिए इनका खूब विरोध हुआ। हालांकि, बाद में विज्ञापन हटा दिया गया और इन दोनों के खिलाफ शिकायत की गई थी।