Ek Deewane Ki Deewaniyat Review in Hindi, (Ashwani Kumar): हर्षवर्धन राणे की मोस्ट अवेटेड फिल्म ‘एक दिवाने की दीवानियत’ सिनेमाघरों में रिलीज हो गई है. फिल्म को लोगों का शानदार रिस्पॉन्स मिल रहा है. लोगों ने टिकट खरीद ली है और सुबह से ही ‘एक दिवाने की दीवानियत के शोज भरे हुए हैं. फिल्म को लेकर पहले से ही तगड़ा बज बना हुआ था. अब फिल्म रिलीज हो चुकी है.
‘एक दीवाने की दीवानियत’ की कहानी
‘एक दीवाने की दीवानियत’ की कहानी को अगर दो लाइन में समझना है, तो बस इतना समझ लीजिए कि ये ‘मेरी मर्जी ही, मेरी मर्जी है’ से लेकर ‘औरत की मर्जी ही, उसकी मर्जी है’ तक का सफर है. एक बड़े पॉलिटिशियन के बेटे, जो खुद इतना ताकतवर है कि स्टेट का चीफ मिनिस्टर भी उसके आने पर अपनी कुर्सी उसके लिए छोड़ देता है और जिसके अंदर पॉवर का गुरूर भरा पड़ा है, उसे एक बॉलीवुड स्टार से एक तरफा मोहब्बत हो जाती है, लेकिन अदा को उससे प्यार नहीं. ये नवाबजादा, अदा को अल्टीमेटम दे देता है कि उससे शादी करने के अलावा उसके पास कोई ऑप्शन नहीं है… चाहे प्यार से या मजबूरी से.
फर्स्ट हॉफ की कहानी
एक पॉवरफुल पॉलिटिकल वारिस की दीवानगी को ठुकराकर, अदा विक्रमादित्य भोसले से उतनी ही नफरत करने लगती है, जितनी मोहब्बत वो उससे करता है। फर्स्ट हॉफ की कहानी में विक्रांत के बैकग्राउंड और अदा से उसकी मोहब्बत को स्टैबलिश करने के लिए जो सीन्स लिखे गए हैं, वो ओवरली ड्रामैटिक है. हांलाकि ये एक दीवाने की दीवानियत ही पूरी तरह से ड्रामैटिक है, लेकिन कश्मीर में आर्मी के साथ जो सेक्वेंस लिखा गया है, वो ज्याजा खींचता है.
इश्क और नफरत
हांलाकि, अदा की नफरत इस कहानी का टोन सेट कर देती है और सेकेंड हॉफ में कहानी में जो सीन्स लिखे गए हैं, वो ड्रामैटिक तो हैं, लेकिन प्यार और नफरत की ऐसी इंटेसिटी सेट करते हैं कि मजा आने लगता है. मुश्ताक शेख के साथ मिलाप जावेरी की लिखी इस कहानी में इश्क और नफरत को जिस पोएटिक अंदाज में डायलॉग्स के साथ पियोरा गया है, वो फिल्म के लिए नौजवान ऑडियंस को टारगेट करके लिखा गया है, जिसे वो व्हॉट्सअप के मैसेज से लेकर अपने अंदाज में दोहराने वाले हैं।
फिल्म के डायलॉग्स
‘आपकी ना के बाद, ज्यादा से हां ही करती’ जैसे डायलॉग्स को मिलाप जावेरी ने अलग-अलग रिफरेंस में यूज करके थियेटर में ऑडियंस को रटा दिया है, जो कुछ एक जगहों को छोड़कर, अपना असर दिखाता है. जॉन अब्राहम के लिए मिलाप जावेरी का प्यार फिल्म में बॉलीवुड स्टार अदा के पोस्टर में दिखाई देता है, जहां डायरेक्टर का नाम- रितेश अब्राहम और जॉन देशमुख लिखा हुआ आता है.
हीरोइन की ड्रामैटिक एंट्री
एक सीएम के ऑफिस में बिना अप्वाइंटमेंट कोई कैसे आ सकता है? या फिर पॉलिटिकल रैली में हीरोइन की ड्रामैटिक एंट्री के लिए बाकयदा रेड कारपेट क्यों बिछा है? जैसे सवाल आपके जेहन में ना आएं, इसके लिए राइटर-डायरेक्टर की जोड़ी ने पूरी फिल्म में इमोशन की इंटेसिटी को अपने पीक पर रखा है.
फिल्म के गाने
निगम बोमजान की सिनेमैटोग्राफी अच्छी है, लेकिन फिल्म का सबसे बड़ा हाईलाइट इसका बैकग्राउंड स्कोर और गाने हैं. विशाल मिश्रा की आवाज में फिल्म का टाइटल ट्रैक ‘दीवानियत’ और बी-प्राक की आवाज में ‘हम बस तेरे हैं’ इस फिल्म के सबसे शानदार गाने हैं, जो अपने जादू में बांध लेते हैं. ‘दिल-दिल-दिल’ और ‘बोल काफरा’ क्या होगा? कि पिक्चराइजेशन बेहद खूबसूरत है.
फिल्म को 3 स्टार
विक्रमादित्य भोसले के कैरेक्टर में हर्षवर्धन राणे ने वाकई जान लगा दी है. एक्सप्रेश्नस, इमोशन्स, डायलॉग्स तो जबरदस्त असर करते हैं, लेकिन जैसे ही हर्ष अपनी शर्ट उतारते हैं, तो स्क्रीन पर आग लग जाती है. अदा के कैरेक्टर में सोनम बाजवा जख्मी शेरनी बनी हैं और उतनी ही खूबसूरत लगी हैं. हिंदी सिनेमा में ये सोनम की सबसे शानदार परफॉरमेंस है. अदा के डैड के कैरेक्टर में अनंत महादेवन और विक्रमादित्य के पॉलिटिशियन डैड बने सचिन खेडेकर ने कम सीन्स में अपना दम दिखाया है. शाद रंधावा के कैरेक्टर में आखिर में अच्छा इमोशनल टच दिया गया है. A सर्टिफिकेट के साथ ‘एक दीवाने की दीवानियत’ की रीच कम जरूर हुई है, लेकिन मेकर्स को पता है कि उनकी ऑडियंस क्या है और थियेटर्स में नौजवान दीवानों की भीड़ नजर आने लगी है. ‘एक दीवाने की दीवानियत’ को 3 स्टार.
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