अमित कुमार, नई दिल्ली
Dhak Dhak OTT Review: क्या आप भी उन लोगों में से हैं, जिन्होंने संदीप रेड्डी वेंगा (Sandeep Reddy Vanga) की ‘Alfa Male’ वाली एक भी फिल्म नहीं देखी है? अगर आप मेरी तरह इस लिस्ट में शामिल नहीं हैं, तो कोई बात नहीं। वैसे भी उनकी फिल्में कोई मंगल ग्रह पर जाकर तो 500 करोड़ नहीं कमा रही हैं। हमारे ही समाज के लोगों को हीरो का वॉयलेंट अवतार पसंद आ रहा है। वो हीरो, जो गालियां देता है, महिलाओं के साथ बदतमीजी करता है, हाथ उठाता है। खैर…छोड़िए भारत लोकतांत्रिक देश है और सभी को अपनी पसंद के मुताबिक चलने का अधिकार है। Alfa Male की बहस के बीच मैं आपका ध्यान 4 Females पर दिलाना चाहता हूं।
ये फीमेल्स मारधाड़ नहीं करती हैं। गालियां नहीं देती हैं। खून-खराबा नहीं करती हैं। बावजूद इसके अपनी जंग जीतती हैं और समाज की कुंठाओं पर जोरदार पंच मारती हैं। अक्टूबर में सिनेमाघरों में रिलीज हुई ये मूवी अब OTT पर आ गई है। अगर आप भी मेरी तरह चूक गए थे, तो अब Netflix पर इस प्यारी सी फिल्म का मजा उठा सकते हैं। इस कहानी में एक यूट्यूबर है, एक मुस्लिम हाउस वाइफ है, घर की चारदीवारी में कैद लड़की है, जो उड़ना चाहती है। इससे भी ज्यादा एक सुपरनानी है। फिल्म की कहानी चार Ladies पर है, जो बाइक पर दिल्ली से दुनिया के सबसे ऊंचे मोटरेबल रोड लद्दाख के खारदूंग-ला जाने का प्लान बनाते हैं। हालांकि अब खारदूंग-ला के पास यह खिताब नहीं रहा है। दिल्ली से लद्दाख के रास्ते की मुश्किलें उतनी बड़ी नहीं हैं, जितनी उनकी निजी जिंदगी की। बस यही रोमांचक सफर आपको गुदगुदाएगा भी, इमोशनल भी करेगा और बहुत कुछ सोचने को मजबूर भी करेगा।
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क्या है फातिमा का किरदार?
बात करते हैं फिल्म की पहली किरदार SKY की, जिसका फिल्म में असली नाम सुनकर आप भी खिलखिला उठेंगे। एक Youtuber के बोल्ड अंदाज में फातिमा सना शेख फिट लगती हैं। वह Influencer के तौर पर अपना नाम कमाना चाहती है, लेकिन कुछ प्राइवेट फोटो लीक होने की वजह से ट्रोलर्स को झेल रही है। ब्रेकअप, बदनामी और खुद को साबित करने का प्रेशर इतना ज्यादा डिप्रेशन की दवाएं तक खानी पड़ रही हैं। दूसरा किरदार है मंजरी, यानी संजना सांघी। सीधी-सादी लड़की, जिसकी दुनिया घर की चार दीवारें ही हैं। घरवालों की मर्जी से लड़के से बिना मिले शादी करने को तैयार। मगर मन में बाइक से दुनिया नापने का सपना और खुलकर जीना उसका सपना है।
मिलिए सुपरनानी से
फिल्म की सबसे दमदार किरदार कोई 20-25 साल की युवा नहीं बल्कि बुजुर्ग नानी है। हर किरदार में खुद को ढाल लेने वाली रत्ना पाठक शाह पर कूल नानी या दादी का रोल बहुत ही फबता है। इसमें भी उन्होंने कमाल दिखा दिया है। पति के निधन के बाद अकेले दोनों बेटियों को पालने वाली माही बच्चों की शादी के बाद बिल्कुल अकेली पड़ गई हैं। हालांकि नाती बहुत प्यार करता है, लेकिन हर घर के बुजुर्ग की तरह उनसे भी वही उम्मीदें की जाती हैं। घर के काम देखें, खाना बनाकर खिलाएं, भगवान का नाम लें और बच्चों को पालें। लेकिन माही को बुलेट चलाना पसंद है, रम पीना पसंद है। सपना है, खारदूंग-ला जाने का, वो भी बाइक से। उसके लिए ये कोई तीर्थ से कम नहीं है।
सुपर मैकेनिक दिया मिर्जा
अब बात आखिरी किरदार की। सामाजिक बंधनों से बंधी मुस्लिम हाउस वाइफ उज्मा यानी दिया मिर्जा की। जिसकी दुनिया सिर्फ किचन, बच्चों को पालने और पति को ‘खुश’ करने तक है। इसके अलावा उसे कोई आजादी नहीं है। पिता ने अपना पुश्तैनी गैराज बेटी के बजाय दामाद को दे दिया। बुर्के में रहने वाली दिया मिर्जा गजब की मैकेनिक है, बुलेट की नब्ज देखकर मर्ज पकड़ना जानती है। लेकिन ‘सभ्य’ समाज में लड़कियों को इस काम से दूर ही रहना पड़ता है। चारों मिलती हैं और शुरू हो जाता है लद्दाख के Khardung La जाने का सफर। इस सफर के दौरान कैसे वो अपनी निजी जिंदगी में भी चुनौतियों को हराती हैं, इसके लिए आपको फिल्म देखनी होगी। अगर आप लद्दाख गए हैं तो ये फिल्म आपको फिर से उस दुनिया में ले जा सकती है और नहीं तो शायद आप जाने का प्लान कर लें। इस फिल्म को Viacom 18 और तापसी पन्नू के प्रोडक्शन हाउस Outsider Films ने प्रोड्यूस किया है और निर्देशन तरुण डुडेजा का है।